Delhi Police: चंद सिक्कों के लालच में कैंसर की नकली दवा बना मरीजों की जिंदगी से खेलने वाले सिंडिकेट का दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भंडाफोड़ किया है. इस गिरोह में दिल्ली के नामी कैंसर हॉस्पिटल के दो कर्मी भी शामिल थे. पुलिस ने दोनों हॉस्पिटल कर्मियों के साथ कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से ₹4 करोड़ कीमत के 7 अंतर्राष्ट्रीय और 2 भारतीय ब्रांड के कैंसर की दवाओं के नकली इंजेक्शन बरामद किए हैं. क्राइम ब्रांच ने भारी तादाद में खाली इंजेक्शन की खाली शीशियां भी बरामद की गई हैं.
स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस शालिनी सिंह के अनुसार, कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहे मरीजों की जिंदगी से खेलने वाले एक गिरोह के बाबत क्राइम ब्रांच की टीम को गुप्त सूचना मिली थी. यह गिरोह नामी ब्रांड की नकली दवाएं बनाकर मोटी रकम पर मरीजों को बेंच रहे थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच के डीसीपी अमित गोयल के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें एसीपी रमेश चंद्र लांबा के साथ इंस्पेक्टर कमल, पवन, महिपाल, एसआई गुलाब, आशीष, अंकित, गौरव, यतंदर मलिक, राकेश और समय सिंह भी शामिल थे.
जांच टीम को पता चला कि इस गिरोह का मास्टर माइंड विफिल जैन है, वह मोती नगर के डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स के दो ईडब्ल्यूएस फ्लैट से इस गोरखधंधे को चला रहा है. इसी फ्लैट में कैंसर की नकली दवाओं की शीशियां रिफिल की जाती हैं. इस सूचना के आधार पर पुलिस ने डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स के फ्लैट्स में छापेमारी कर विफिल जैन और सूरज शाह नाम के शख्स को गिरफ्तार कर लिया. सूरज कैंसर की दवाओं को बनाने और शीशियों को भरने का काम करता था. मौके से पुलिस भारी तादाद में कैंसर की नकली दवाएं भी बरामद की हैं.
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स्पेशल सीपी शालिनी सिंह ने बताया कि छापेमारी के दौरान पुलिस ने ओपडाटा, कीट्रूडा, डेक्सट्रोज, फ्लुकोनाज़ोल ब्रांड के नकली कैंसर इंजेक्शन की 140 भरी हुई शीशियाँ जब्त की है. इसके अलावा, ₹50,000 नगद और $1000 USD, 3 कैप सीलिंग मशीनें, 1 हीट गन मशीन और 197 खाली शीशियां सहित पैकेजिंग का अन्य सामान भी बरामद किया गया है. पुलिस के अनुसार, बरामद की गई शीशियों की बाजार कीमत करीब ₹ 1.75 करोड़ है. पूछताछ के दौरान पता चला कि उन्हें इंजेक्शन की खाली शीशियां नीरज चौहान नाम का शख्स उपलब्ध कराता है.
विफिल और सूरज की निशानदेही पर पुलिस ने दूसरी छापेमारी गुरुग्राम (हरियाणा) के साउथ सिटी स्थित एक ठिकाने पर छापेमारी कर गिरोह में शामिल नीरज चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने मौके से कीट्रूडा, इन्फ़िनज़ी, टेक्सेंट्रिक, पेरजेटा, ओपडाटा, डार्ज़लेक्स और एर्बिटक्स और कीट्रूडा, इन्फ़िनज़ी, टेकेन्ट्रीक, पेरजेटा, ओपडाटा, डार्ज़लेक्स और फेस्गो जैसी कैंसर की जीवन रक्षक दवाओं की 519 खाली शीशियां और 864 खाली पैकेजिंग बॉक्स बरामद किए गए. मौके से पुलिस ने नकली कैंसर इंजेक्शनों की 137 शीशियां भी बरामद की हैं.
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स्पेशल सीपी शालिनी सिंह के अनुसार, आरोपी नीरज चौहान की निशानदेही पर पुलिस ने सप्लाई चेन में शामिल उसके चचेरे भाई तुषार चौहान को भी गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से पुलिस ने 7 अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडों के 137 भरे हुए इंजेक्शन की शीशियाँ बरामद की है, जिनकी कीमत करीब ₹2.15 करोड़ आंकी गई है. इसके अलावा, 519 खाली शीशियां, 864 शीशियों के पैकेजिंग बॉक्स, ₹89 लाख नकद, $18000 अमेरिकी डॉलर और नोट गिनते की मशीन बरामद की गई है. नीरज और तुषार से पूछताछ के दौरान गिरोह में शामिल परवेज के नाम का खुलासा हुआ.
पूछताछ में पता चला कि विफिल जैन को खाली शीशियां उपलब्ध कराने वालों में एक नाम परवेज का भी था. दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के यमुना विहार इलाके में छापेमारी कर परवेज नामक शख्स को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में पता चला कि परवेज इंजेक्शन की खाली शीशियां उपलब्ध कराने के साथ-साथ नकली दवाओं की आपूर्ति बाजार में करता था. तलाशी के दौरान, आरोपी के कब्जे से पुलिस ने नकली इंजेक्शन की 20 खाली शीशियां बरामद की हैं. परवेज से पूछताछ के बाद मामले की जांच दिल्ली के एक प्रतिष्ठित अस्पताल तक पहुंच गई.
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स्पेशल सीपी शालिनी सिंह के अनुसार, परवेज ने पूछताछ में बताया कि कैंसर के दवाओं की खाली या आधी भरी हुई शीशियां दिल्ली के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में काम करने वाले दो कर्मियों द्वारा उपलब्ध कराई जाती थीं. कोमल तिवारी और अभिनय नामक दोनों कर्मी अस्पताल के साइटोटॉक्सिक यूनिट में काम करते थे. इन दोनों को हर एक खाली शीशी के लिए 5,000 रुपये का भुगतान किया जाता था. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से खाली शीशियां और पैकेजिंग सामग्री बरामद की गई है.
.Tags: Cancer, Crime Branch, Delhi policeFIRST PUBLISHED : March 12, 2024, 22:07 IST
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