विकल्प कुदेशिया/बरेली: नाथनगरी बरेली से कई बड़े प्राचीन मंदिरों का इतिहास जुड़ा हुआ है. इसी तरह फरीदपुर रोड स्थित गोपाल शिव मंदिर एतिहासिक शिव मंदिर है. जहां सावन में लोग काफी दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं. इसके बारे में यह कहा जाता है कि पहले यहां राम गंगा बहा करती थी, जहां एक गोपाल नाम के ग्वाला ने सिद्धि प्राप्त की थी. तभी से इसका नाम गोपाल शिव रखा गया. इस मंदिर की सावन के समय में काफी विशेषता मानी जाती है.
इस मंदिर के महंत नारायण गिरी ने लोकल 18 से खास बातचीत के दौरान बताया कि जो भी भक्त इस मंदिर में धोपेश्वर नाथ चालीसा करते हैं. वह जब तक बाबा के दर्शन नहीं करते हैं तब तक उनका पूजन पूर्ण नहीं माना जाता. इसके अलावा वे बताते हैं कि शिव चालीसा 40 दिनों की होती है, जिसमें कोई भी भक्त अपनी इच्छा अनुसार इतने दिनों में शिव चालीसा करने का प्राण लेता है और 40वें दिन में भगवान शिव का पूजन करता है. तभी शिव चालीसा पूर्ण होती है.
क्या है मान्यता
बाबा गोपाल शिव मंदिर के महंत ने बताया कि इसके बारे में यह कहा जाता है कि पहले यहां राम गंगा बहा करती थी. जहां एक गोपाल नाम के ग्वाला उस समय तप करने आते थे. फिर एक दिन जब उनकी माता ने उन्हें खाने के लिए आवाज लगाई लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब न आने पर माता ने पूछा क्या तुम सिद्ध हो गए हो, तब वे अपने माता के वचन अनुसार सिद्ध हो गए और फिर तुरंत बाबा लिंग में परिवर्तित हो गए.
किस तरह से होती है शिव चालीसा
भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए उनकी 40 दिन की धोपेश्वर नाथ चालीसा को पूर्ण रूप से कराना चाहिए. वे जब तक बाबा गोपाल शिव के दर्शन नहीं करते हैं, तब तक उनका पूजन पूर्ण नहीं माना जाता. वहीं धोपेश्वर नाथ चालीसा को करने के लिए कोई भी भक्त अपनी इच्छा अनुसार सावन के दिनों में शिव चालीसा करने का प्राण लेता है और 40 में दिन में भगवान शिव का पूजन करता है.तभी शिव चालीसा पूर्ण होती है.
यहां आए भक्तों का क्या है कहना
गोपाल शिव मंदिर के भक्तों ने हमें खास बातचीत के दौरान बताया कि वह इस मंदिर में दर्शन करने काफी समय से आ रहे हैं. इसके अलावा भी बताते हैं कि वे यहां सच्ची श्रद्धा भावना से भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं और उनकी सारी मनोकामनाएं महादेव पूरी करते हैं.
Tags: Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : August 19, 2024, 14:42 ISTDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.