ज्‍यादा बच्‍चे बोझ नहीं, बल्कि वरदान है… RSS से जुड़े हिंदुवादी संगठन ने किया प्रस्‍ताव पास, जानें क्‍या कैंपेन शुरू करने जा रहा

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ज्‍यादा बच्‍चे बोझ नहीं, बल्कि वरदान है... RSS से जुड़े हिंदुवादी संगठन ने किया प्रस्‍ताव पास, जानें क्‍या कैंपेन शुरू करने जा रहा

लखनऊ : क्‍या देश में कई परिवारों द्वारा अपनाए जा रहे “एक बच्चे के मानदंड” के कारण भारत जल्द ही जापान या चीन जैसा “वृद्ध राष्ट्र” बन सकता है? इस पर बहस हो रही है, लेकिन इस पर चिंता व्यक्त करते हुए आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने एक प्रस्ताव पारित किया है. इस प्रस्‍ताव में कहा गया है कि भारत की जनसंख्या “देश के लिए बोझ नहीं, बल्कि वरदान है”. मंच ने इस संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिए जल्द ही एक सार्वजनिक अभियान शुरू करने का फैसला भी किया है.

इंडियन एक्‍सप्रेस की एक खबर के अनुसार, यह कदम शनिवार को लखनऊ में मंच की तीन दिवसीय राष्ट्रीय बैठक के समापन के बाद उठाया गया. मंच ने आने वाले वर्षों में आठ बिंदुओं पर जन जागरूकता पैदा कर भारत को “2047 तक एक समृद्ध राष्ट्र” बनाने का प्रस्ताव भी पारित किया. बैठक के दौरान प्रस्ताव पारित किए गए… जिसमें एक यह था कि जनसंख्या हमारे लिए बोझ नहीं बल्कि वरदान है और जागरूकता फैलाने के लिए एक सार्वजनिक अभियान शुरू करना है.. एक बच्चे के मानदंड का चलन है… जो जल्द ही भारत को जापान या चीन जैसा बुजुर्गों का देश बना देगा और वे मुद्दे जिनका वे अभी सामना कर रहे हैं.

स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख धर्मेंद्र दुबे ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस तरह इसके बारे में जागरूकता फैलाने और कुल प्रजनन दर पर भी प्रस्ताव पारित किया गया. इस बैठक में देशभर के 45 प्रांतों के 300 से अधिक पदाधिकारियों ने भाग लिया.

दुबे ने बताया कि दूसरा प्रस्ताव 2047 तक देश को कैसे समृद्ध बनाया जाए और इस दिशा में आने वाले वर्षों में सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर कैसे कैंपेन लॉन्च करने के बारे में था. इसमें मंच और समाज से उम्मीदों के बारे में आठ बिंदुओं को शामिल किया गया है. इन आठ बिंदुओं में ‘संपूर्ण रोजगार युक्त भारत’ शामिल है. इससे यह संदेश पुनःस्थापित होता है कि रोजगार का एकमात्र तरीका नौकरियां है. इसके बिना केवल 37 करोड़ युवा राष्ट्र निर्माण में शामिल हो पाते हैं.

दूसरा बिंदू है ‘यंग डायनेमिक पॉपुलेशन’. एक समृद्ध भारत बनाने के लिए देश की आबादी युवा और डायेनिमक होनी चाहिए. इसके लिए संयुक्त परिवार, शारीरिक पोषण, स्वस्थ दिमाग और दिल और देश में प्रजनन दर को भी ठीक करने की जरूरत है.
Tags: Lucknow news, Population control, Rashtriya Swayamsevak SanghFIRST PUBLISHED : July 1, 2024, 18:57 IST

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