कृष्ण गोपाल द्विवेदी/बस्ती: बस्ती जनपद में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बूट का निर्माण किया जा रहा है. इससे उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और देश की इकोनॉमी में भागीदारी तय करने के लिए सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की मदद की जा रही है. इनको भिन्न-भिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण देकर उनको रोजगार दिया जा रहा है. इससे महिलाएं न सिर्फ आत्मनिर्भर बन रही हैं बल्कि अपने परिवार का भी भरण पोषण कर रही हैं.
बस्ती सदर तहसील के सोनूपर गांव की रहने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा विगत पांच सालों से चमड़े के जूता चप्पल का निर्माण किया जा रहा है. पांच मेंबर वाला महिला के ये समूह प्रति महीने डेढ़ से दो लाख रुपए कमा रहा है. इस प्रकार प्रति महिला को 35,000 से 40,000 रुपये प्रति महीना मुनाफा हो जाता है. आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ ये महिलाएं खासी आय भी अर्जित कर रही हैं.
कैसे बनाते हैं बूट?समूह की महिला सुनीता देवी ने बताया कि जूते चप्पल के निर्माण के लिए उन्हें सरकार द्वारा 1.5 लाख का CCL मिला था. इसमें से एक लाख रुपये की आगरा से मशीन खरीदी और रॉ मैटेरियल कानपुर से मंगाया. इसके बाद मैटेरियल को साफ कर पानी में भिगो देते हैं और सुखाने के लिए धूप में रख देते हैं. चमड़े के सूखने और साफ होने के बाद उसको जूते या चप्पल के शेप में काटा जाता है. और फिर तला, पाना और धागे के माध्यम से उसकी सिलाई की जाती है. ग्राहकों के डिमांड के हिसाब से भी हम लोगों द्वारा बूट को तैयार किया जाता है.
आत्मनिर्भर बन रही हैं महिलाएं
जिलाधिकारी अंद्रा वामसी ने बताया कि शासन के मंशानुरूप हम लोग द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनकी हर संभव मदद की जाती है. साथ ही लोन से लेकर मार्केटिंग तक की भी सुविधा उन लोगों को उपलब्ध कराई जाती है. ताकि, महिलाओं को काम करने में किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो.
.Tags: Basti news, Local18FIRST PUBLISHED : February 20, 2024, 15:33 IST
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