जियाउल हक मर्डर केस में राजा भैया पर कसेगा शिकंजा ! तीसरे दिन भी प्रतापगढ़ में CBI, जानें अपडेट

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जियाउल हक मर्डर केस में राजा भैया पर कसेगा शिकंजा ! तीसरे दिन भी प्रतापगढ़ में CBI, जानें अपडेट



प्रतापगढ़. CBI की टीम ने तीसरे दिन भी प्रतापगढ़ में डेरा जमा रखा है. सीबीआई की टीम कुंडा के बलीपुर गांव पहुंची, जहां पर मृतक प्रधान नन्हें यादव यादव के पुत्र योगेंद्र और भाई सुधीर से पूछताछ की और उनके बयान भी दर्ज किया, वहीं सीबीआई की टीम बालीपुर चौराहे पर पहुंची और पान दुकानदार गोलाई से पूछताछ किया, जिसके बाद कुंडा से सीबीआई की टीम निकल गई. सीबीआई ने कल आधा दर्जन पुलिस कर्मियों से पूछताछ की थी.

सीबीआई ने गुरुवार को हथिगवां के तत्कालीन एसओ मनोज शुक्ल, कुंडा के तत्कालीन कोतवाल सर्वेश मिश्रा, जियाउल हक के तत्कालीन गनर इमरान, तत्कालीन एसएसआई हथिगवां विनय सिंह, समेत आधा दर्जन पुलिसकर्मियों से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया है. वहीं सीबीआई के डेरा जमाए रखने से कुंडा के बलीपुर गांव में हड़कंप मचा हुआ है,रोड और चौराहों पर सन्नाटा है. आपको बता दें कि प्रतापगढ़ के कुंडा के बलीपुर गांव में 2 मार्च 2013 की शाम लगभग 6 बजे प्रधान नन्हे सिंह यादव की हत्या कर दी गई थी. यह हत्या उस समय हुई थी, जब नन्हें यादव विवादित जमीन के सामने बनी एक फूस की झोपड़ी में मजदूरों से बात कर रहे थे.

दो बाइक बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया था. इस घटना के बाद नन्हें सिंह यादव के समर्थक बड़ी संख्या में हथियार लेकर बलीपुर गांव पहुंच गए थे. शाम 7 बजे लाभाग कामता पाल के घर में आग लगा दी गई थी. भारी बवाल के बीच हथिगवां के एसओ और कुंडा के कोतवाल सर्वेश मिश्र अपनी टीम के साथ नन्हें सिंह यादव के घर की तरफ जाने की हिम्मत न जुटा सके, लेकिन DSP जियाउल हक गांव में पीछे के रास्ते से प्रधान के घर की तरफ बढ़े. इसी बीच ग्रामीणों द्वारा की जा रही फायरिंग से डरकर सीओ की सुरक्षा में लगे गनर इमरान और एसएसआइ कुंडा विनय कुमार सिंह खेत में छिप गए, जबकि हथिगवां एसओ समेत तमाम पुलिसकर्मी सीओ को छोड़ कर भाग लिए.

सीओ जियाउल हक के गांव में पहुंचते ही ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया. इसी दौरान गोली चलने से प्रधान नन्हें सिंह यादव के छोटे भाई सुरेश यादव की मौत हो गई. इसके बाद सीओ जियाउल हक की निर्मम हत्या कर दी गई. रात 11 बजे भारी पुलिस बल बलीपुर गांव पहुंचा और सीओ की तलाश शुरू हुई. आधे घंटा बाद जियाउल हक का शव प्रधान के घर के पीछे खड़ंजे पर पड़ा मिला था. इस हत्याकांड का आरोप तत्कालीन कैबिनेट मंत्री राजा भैया, उनके करीबी गुलशन यादव समेत कई लोगों पर लगा था.

पत्नी की ओर से दर्ज कराई गई FIR में था राजा भैया का नाम, बलीपुर गांव में हुए तिहरे हत्याकांड में कुल चार एफआईआर दर्ज कराई गई थी. सबसे आखिर में सीओ जियाउल-हक की पत्नी परवीन की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इसमें 5 आरोपी हैं, जिनके नाम हैं गुलशन यादव, हरिओम श्रीवास्‍तव, रोहित सिंह, संजय सिंह उर्फ गुड्डू और रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया. इन पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302, 504, 506, 120 बी और सीएलए एक्‍ट की धारा 7 के तहत केस दर्ज कराया गया था.

तत्कालीन अखिलेश सरकार ने जियाउल-हक मर्डर केस की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. जियाउल-हक की पत्नी परवीन की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर पर सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट 2013 में ही दाखिल कर दी थी. सीबीआई ने राजा भैया, गुलशन यादव, हरिओम, रोहित, संजय को क्लीन चिट दे थी. हालांकि इस क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ परवीन फिर से कोर्ट चली गई थी. कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था.
.Tags: Pratapgarh news, Raghuraj Pratap Singh, Raja bhaiyaFIRST PUBLISHED : October 20, 2023, 23:43 IST



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