झांसी: भविष्य की दुनिया कैसी होनी चाहिए और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के साथ कैसे आगे बढ़ा जाए, इस विषय पर केवल वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि झांसी के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी गंभीरता से सोच रहे हैं. उन्हें बदलती दुनिया और पर्यावरण की चिंता सता रही है. इसी कड़ी में झांसी के बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में बच्चों ने अपने विचारों को मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया. ग्रामीण परिवेश में पढ़ाई कर रहे बच्चों ने अपनी वैज्ञानिक सोच और कौशल का अद्भुत प्रदर्शन किया.एक से बढ़कर एक मॉडलराष्ट्रीय आविष्कार अभियान के तहत आयोजित इस प्रदर्शनी में बच्चों ने एक से बढ़कर एक मॉडल प्रस्तुत किए. किसी बच्चे ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उपाय सुझाए, तो किसी ने खेती में आने वाली कठिनाइयों को हल करने का मार्ग दिखाया. एक छात्र ने धूल और धुएं को कम करने के उपायों पर आधारित मॉडल भी पेश किया. इस प्रदर्शनी में 100 से अधिक बच्चों ने लगभग 40 मॉडलों का प्रदर्शन किया, जिनमें से कई मॉडल पर्यावरण सुधार और सस्टेनेबिलिटी से संबंधित थे. कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के डीन आर्ट्स प्रोफेसर मुन्ना तिवारी ने बच्चों के प्रयासों की सराहना की और उनकी वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित किया.भविष्य के लिए तैयार हैं विद्यार्थीप्रो. मुन्ना तिवारी ने कहा कि इतनी छोटी उम्र में बच्चों के भीतर वैज्ञानिक प्रवृत्ति का विकसित होना एक सकारात्मक संकेत है. इन बच्चों ने पर्यावरण और बदलावों के प्रति अपनी जागरूकता को अपने मॉडलों के माध्यम से प्रदर्शित किया है, जो यह साबित करता है कि ये बच्चे भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं. वे न केवल पर्यावरण के प्रति सजग हैं बल्कि इसके संरक्षण के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. प्रतियोगिता में हस्तिनापुर के कृष्णा, मथुरापुरा के पुष्पेंद्र, संतपुरा की राधिकाल और बेदौरा की नीति के मॉडल अगले स्तर के लिए चयनित किए गए.FIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 09:03 IST