Jhansi: जिसे समझते थे मौत बांटनेवाला पौधा, उसमें मिले औषधीय गुण, रिसर्च में हुआ खुलासा

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Jhansi: जिसे समझते थे मौत बांटनेवाला पौधा, उसमें मिले औषधीय गुण, रिसर्च में हुआ खुलासा



रिपोर्ट : शाश्वत सिंह
झांसी. बुंदेलखंड क्षेत्र में बहुतायत में उगने वाला सेहुंड के पौधे को लोग आजतक हानिकारक ही समझते थे. माना जाता था कि इसके तने में से निकलने वाला दूध जैसा तत्त्व जानलेवा होता है. लेकिन, अब एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि सेहुंड का पौधा हकीकत में बहुत लाभदायक होता है.
यह रिसर्च बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ लवकुश द्विवेदी ने किया है. शोध में यह बात सामने आई है कि इस पौधे में कई औषधीय गुण हैं. इस पौधे में सूजन व तेज दर्द कम करने, एंटी- वायरल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-कैंसर, एंटी-फंगल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-ट्यूमर, एंटीकॉलाइनर्जिक, एंटी-नियोप्लास्टिक (नई कैंसर कोशिकाओं को बनने से रोकने वाला) सहित कई सारे औषधीय गुण हैं. इसके साथ ही इसमें संक्रामक रोगों को रोकने, कीट-पतंगों और मलेरिया की रोकथाम करने वाले तत्त्व भी पर्याप्त मात्रा में इसमें उपलब्ध हैं. इसमें कई फायटोकेमिकल जैसे कि ग्लाइकोसाइड, फिनॉल, टैनिन, फ्लवोनोइड्स, फीटोस्टेरॉल्स व सैपोनिन्स भी पाए गए हैं.
गुणों से भरपूर है सेहुंड

इस रिसर्च को करने वाले बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ लवकुश द्विवेदी ने बताया कि सामान्यतः कैक्टस पौधे की तरह दिखने वाले सेहुंड पौधे की पत्तियों के अर्क को पारंपरिक रूप से ग्रामीण अंचल में कान के दर्द या त्वचा पर लाल चकत्ते आदि की रोकथाम के लिए प्रयोग में लाया जाता था. लेकिन, रिसर्च में यह बात सामने आई है कि इसके तने को उंगलियों में सूजन आदि को कम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस पौधे में संक्रामक रोग मलेरिया और कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों को रोकने की क्षमता की पहचान भी हुई है.
सिर्फ त्वचा पर लगाएं

सेहुंड पौधे के जानलेवा होने वाली बात पर डॉ. द्विवेदी ने कहा कि यूफोरबिएसि फैमिली का एक सदस्य होने के कारण पौधे में प्रचुर मात्रा में सफेद दूध जैसा तत्त्व पाया जाता है. यह अपने एंटी इन्फ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुणों के लिए जाना जाता है. लेकिन, इसमें कुछ टॉक्सिक एलिमेंट होने के कारण इसका प्रयोग बाहरी तौर पर ही करना चाहिए. इसका सेवन नहीं किया जाना चाहिए.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Jhansi news, Research, UP newsFIRST PUBLISHED : November 11, 2022, 21:03 IST



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