जब सुदर्शन चक्र से हुए थे सती के 4 टुकड़े, एक गिरा था इस मंदिर में, माना जाता है 4 शक्तिपीठों में से एक

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आजमगढ़: आजमगढ़ जिले में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जिनकी पौराणिक और ऐतिहासिक मान्यता है.इन्हीं में से एक है पल्हनेश्वरी माता का पल्हना देवी मंदिर. जो आजमगढ़ से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह मंदिर बहुत प्राचीन है और दूर-दूर से भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर यहां आते हैं. मंदिर प्रांगण हमेशा भक्तों की भक्ति से भरा रहता है और यहां दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

पौराणिक मान्यताओं से जुड़ा इतिहासआजमगढ़ के मेहनगर क्षेत्र में स्थित पल्हनेश्वरी माता का यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है. पुराणों के अनुसार, इस मंदिर की विशेष मान्यता है. कहा जाता है कि जब राजा दक्ष ने यज्ञ में अपनी पुत्री सती को आमंत्रित नहीं किया, तो माता सती ने अपमानित महसूस करते हुए यज्ञ कुंड में अपने आप को भस्म कर लिया. इसके बाद भगवान शिव ने क्रोधित होकर माता सती के शरीर को उठाकर तीनों लोकों में भ्रमण किया.

इस घटना से तीनों लोकों में अराजकता फैल गई, जिसे रोकने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के चार टुकड़े कर दिए. इनमें से एक टुकड़ा आजमगढ़ के पल्हना में गिरा, जहां माता पल्हनेश्वरी देवी का यह शक्तिपीठ स्थापित हुआ.

पौराणिक ग्रंथों में मंदिर का वर्णनपाल्हमेश्वरी धामका उल्लेख वेद, पुराण और महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथों में मिलता है. पद्म पुराण के द्वितीय खंड के सातवें अध्याय में भी इस धाम का जिक्र है. रामचरितमानस के बालकांड में महर्षि विश्वामित्र ने भी माता की महिमा का वर्णन किया है. इसके अतिरिक्त, महाराजा सगर ने यहां अश्वमेध यज्ञ किया था. महाभारत के वन पर्व में वर्णित है कि जब पांडव वनवास में थे, तब नारद जी ने धर्मराज युधिष्ठिर को इस स्थान के बारे में बताया था और वे यहां आए थे.

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भगवान बुद्ध और राजा भोज का आगमनइतिहास में यह भी दर्ज है कि भगवान बुद्ध अपने शिष्यों के साथ इस स्थल पर आए थे. पालि भाषा में लिखित ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है. इसके अलावा, ग्रंथ ‘भोजप्रबंध’ के अनुसार राजा भोज ने यहां यज्ञ किया था. यह स्थल प्राचीन काल से ही धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा है.

नवरात्रि पर लगता है विशेष मेलामंदिर के पुजारी राधेश्याम मिश्र ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि मंदिर में सालभर भक्तों की भीड़ रहती है, लेकिन नवरात्रि के समय यहां विशेष मेला लगता है, जिससे भक्तों की संख्या और भी बढ़ जाती है. उन्होंने बताया कि यह शक्तिपीठ चार प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है, जहां दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
Tags: Azamgarh news, Hindu Temple, Local18FIRST PUBLISHED : October 11, 2024, 08:30 ISTDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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