जब इंद्र को लगा था ब्रह्म हत्या का पाप, जानिए उसकी मुक्ति के लिए क्या किया था उपाय

admin

10 लाख के फ्रॉड पकड़ा तूल, तो सोनू सूद बोले- '...सॉफ्ट टारगेट बना दिया'

Agency:News18 Uttar PradeshLast Updated:February 07, 2025, 16:39 ISTइन्द्र को जब ब्रह्म हत्या का पाप लगा तब उसकी मुक्ति के लिए 2 उपाय किये गए. देवगुरु बृहस्पति ने उनसे यज्ञ करवाया और उसके बाद उस पाप को चार भाग में बांट दिया. X

देवगुरू बृहस्पति ने उनसे यज्ञ करवाया तथा उस पाप के टार भाग करके चार को दिये.हाइलाइट्सइंद्र को ब्रह्म हत्या का पाप लगा था.देवगुरु बृहस्पति ने यज्ञ करवाया.पाप को चार भागों में बांटा गया.मथुरा: प्राचीन समय से ही देवी-देवता और मनुष्य अपने कर्मों के पश्चात फल भोगते चले आ रहे हैं. जिस व्यक्ति ने जैसा कर्म किया है उसे उसी प्रकार से दंड भोगना पड़ता है. हिंदू संस्कृति में गौ हत्या और ब्रह्म हत्या को पाप सबसे ऊपर माना गया है. ब्रह्म हत्या का दोष इंद्र को भी लगा था. इंद्र ने किस प्रकार से ब्रह्म हत्या के दोष को बांटा वह हम आपको बता रहे हैं.

इंद्र को लगा था ब्रह्म हत्या का दोष

इन्द्र को जब ब्रह्म हत्या का पाप लगा तब उनकी मुक्ति के लिए 2 उपाय किए गए. देवगुरू बृहस्पति ने उनसे यज्ञ करवाया तथा उस पाप के चार भाग करके दिए. पौराणिक कथा अनुसार – जब उस पाप के चार भाग कर दिए गए तो सबसे कहा कि कोई ले लो, लेकिन किसी ने उस पाप को नहीं लिया? इसके बाद,  गुरू ने उनसे कहा कि इसके साथ एक एक वरदान भी दिया जाएगा. तब सभी ने चार भाग ले लिए. मथुरानाथ शास्त्री ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि इंद्र को एक बार ब्रह्म हत्या का दोष लगा था. इंद्र ने उस ब्रह्म हत्या के दोष को चार जगह विभाजित कर दिया. जोकि इस प्रकार से था.

(1) पहला भाग समुद्र ने लिया और बदले में वरदान मांगा कि मेरी जल राशि कभी कम न हो, उसका पाप समुद्र की सतह पर झाग बनकर तैरता है.

(2) एक भाग पृथ्वी ने लिया और वरदान मांगा कि मेरे ऊपर के गड्ढे स्वतः भरा जाए, उसका पाप चट्टान के रूप में पाया जाता है, पृथ्वी पर कहीं भी कोई गड्ढा खोद दो तो वो अपने आप भरा जाता है.

(3) तीसर भाग वृक्ष ने लिया और वरदान लिया कि मेरे शरीर पर कटे हुए भाग पुनः वृद्धि कर ले, उसका पाप गोंद के रूप में निकलता है.

(4) एक भाग स्त्री ने लिया और वरदान लिया कि हम हमेशा रमण कर सकें, जैसे अन्य जीव में होता है सिर्फ ऋतुकाल आने पर ही मादा रमण करती है वैसा ही स्त्री में भी होता था, वह पाप मासिक के रूप में आता है, इसीलिए भारतीय संस्कृति में वे दिन अपवित्र माने जाते हैं.

लोकल 18 से बातचीत के दौरान मथुरा नाथ शास्त्री ने यह भी बताया कि ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति पाना है, तो नियम अनुसार पाठ पूजा करनी चाहिए और भगवान शंकर की आराधना करनी चाहिए, जिससे ब्रह्म हत्या का दोष दूर हो जाता है.
Location :Mathura,Mathura,Uttar PradeshFirst Published :February 07, 2025, 15:56 ISThomefamily-and-welfareजानिए इंद्र ने ब्रह्म हत्या के दोष से कैसे पाई थी मुक्ति, क्या किए थे उपायDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Source link