टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) के इतिहास में सबसे छोटा टेस्ट मैच 1998 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच खेला गया था, जो सिर्फ 62 गेंदों में ही पूरा हो गया. भयानक पिच की वजह से इस टेस्ट मैच को इसलिए रद्द करना पड़ा, क्योंकि बल्लेबाजों की जान मुश्किल में दिखाई दे रही थी. बल्लेबाज इस खतरनाक पिच पर बैटिंग करते हुए लहूलुहान हो गए थे और अपनी जान बचाते दिख रहे थे. इस टेस्ट मैच की मेजबानी वेस्टइंडीज कर रही थी, जिसके चलते ये मुकाबला सबीना पार्क स्टेडियम में खेला जा रहा था. मेहमान टीम इंग्लैंड ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का निर्णय किया था, लेकिन पिच काफी जानलेवा हो गई थी. इंग्लैंड के बल्लेबाज खूनम खून हो गए थे.
जान की दुआ मांग रहे थे टीम के बल्लेबाज
इंग्लैंड की तरफ से कप्तान माइक अर्थटन और विकेटकीपर बल्लेबाज एलक स्टीवर्ट बल्लेबाजी करने आए. वेस्टइंडीज उस जमाने में अपनी खतरनाक गेंदबाजी के लिए काफी जाना जाता था. वेस्टइंडीज की ओर से कर्टली एंब्रोस और कर्टनी वॉल्श गेंदबाजी करने आए. इन दोनों गेंदबाजों ने जब गेंदबाजी करना शुरू की तो इंग्लैंड के दोनों सलामी बल्लेबाज बौखला गए. तेज रफ्तार वाली गेंदों ने दोनों ही बल्लेबाजों को जान बचाने के लिए मजबूर कर दिया.
महज 10 ओवर में ही खत्म हो गया ये टेस्ट मैच
दरअसल, सबीना पार्क स्टेडियम की पिच पर उस दिन एक अलग तरह का उछाल था और एक अलग प्रकार की गति थी. ज्यादा उछाल होने की वजह से गेंद सीधा बल्लेबाजों के शरीर पर जाकर लग रही थी. तेज रफ्तार से गेंद आकर सीधा गेंद इंग्लैंड के बल्लेबाजों के जिस्म पर लग रही थी. जिससे सलामी बल्लेबाज समेत अन्य खिलाड़ी भी काफी चोटिल हो गए थे. पिच काफी जानलेवा हो गई थी. इंलिश बल्लेबाज लुहलुहान हो गए थे.
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे छोटा मैच
इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए ऑन फील्ड अंपायर स्टीव बकनर और श्रीनिवास वेंकटराघान ने मैच को रद्द करने का निर्णय लिया. लेकिन जब तक अंपायर द्वारा ये निर्णय लिया गया, जब तक बहुत देर हो गई थी. इंग्लैंड के बल्लेबाजों के जिस्म घाव के निशानों से भर गए थे. वे काफी ज्यादा चोटिल हो गए थे. पिच इतनी खराब थी की 62 गेंदों में ही अंपायरों को ये निर्णय लेना पड़ा, केवल 10.2 ओवर में ही ये मैच समाप्त हो गया था, जिसमें इंग्लैंड ने कुल 3 विकेट गंवाकर 17 रन बनाए थे. ऐसे में ये मैच टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे छोटा मैच है.