जौनपुर में भाई-बहन की शादी का स्कैम, सीएम योगी भी कार्यक्रम में थे शामिल

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जौनपुर में भाई-बहन की शादी का स्कैम, सीएम योगी भी कार्यक्रम में थे शामिल

जौनपुर: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुए सामूहिक विवाह समारोह में बड़ा घोटाला सामने आया है. आरोप है कि इस कार्यक्रम में भाई-बहन को भी शादी के लिए बिठा दिया गया था. जैसे ही इस मामले की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं जिले में हड़कंप मच गया. प्रशासन हरकत में आया और मामले की जांच शुरू कर दी गई.

1001 जोड़ों का विवाह, मुख्यमंत्री ने दिया था आशीर्वाद12 मार्च को जौनपुर के ऐतिहासिक शाही किले में भव्य जौनपुर महोत्सव का आयोजन किया गया था. इस महोत्सव के तहत समाज कल्याण विभाग की तरफ से सामूहिक विवाह समारोह का भी आयोजन किया गया. इसमें कुल 1001 जोड़ों की शादी कराई गई. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शिरकत की और नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया. समारोह के कुछ दिनों बाद ही यह सामने आया कि इस विवाह में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ है.

कैसे सामने आया भाई-बहन की शादी का मामला?सामूहिक विवाह की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें दावा किया गया कि जौनपुर के मड़ियाहूं क्षेत्र के एक भाई-बहन की शादी करा दी गई. जब इस बारे में परिवार से पूछा गया तो युवक ने बताया कि वह केवल मजे के लिए अपनी बहन के साथ विवाह मंडप में बैठ गया था और उसने शादी नहीं की. इस पूरे मामले की पोल सरकारी दस्तावेजों से खुली. मामला तूल पकड़ने के बाद जब सरकारी दस्तावेज खंगाले गए तो यह शादी दर्ज थी.

समाज कल्याण विभाग पर सवाल, लिस्ट नहीं की सार्वजनिकइस पूरे प्रकरण में समाज कल्याण विभाग की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई है. कई बार इस विवाह समारोह में शामिल जोड़ों की सूची मांगी गई, लेकिन विभाग ने इसे सार्वजनिक नहीं किया. इससे यह संदेह गहरा गया कि पूरे आयोजन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है.

प्रशासन ने क्या कहा?जब जौनपुर के प्रभारी मंत्री एके शर्मा से इस घोटाले को लेकर सवाल किया गया तो जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया. जौनपुर के जिलाधिकारी दिनेश चंद्र ने स्वीकार किया कि मामला उनके संज्ञान में है और कहा कि इसकी गहन जांच की जाएगी. यदि अनियमितता पाई जाती है तो लाभार्थियों की धनराशि रोक दी जाएगी.

गांव पहुंची जांच टीम, चौंकाने वाले खुलासेमामले की गंभीरता को देखते हुए समाज कल्याण अधिकारी नीरज पटेल ने मड़ियाहूं के मईडीह जगन्नाथपुर गांव पहुंचकर जांच शुरू कर दी. इस दौरान कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं.एक मामले में युवती के साथ जिस युवक की शादी कागजों में दर्ज की गई थी उसकी चाची ने बताया कि वह लड़का शादी के 15 दिन पहले ही गांव आया था और उसके बाद से वह नजर नहीं आया. जिस महिला ने उसे अपना पति बताया, उसने दावा किया कि शादी के तुरंत बाद उसका पति मुंबई चला गया. यह बयान इस पूरे मामले को और संदिग्ध बना देता है.

क्या है आगे की कार्रवाई?जांच अधिकारियों ने इस पूरे मामले पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है. यदि घोटाले की पुष्टि होती है तो इस आयोजन से जुड़े कई अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है. प्रशासन यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि कहीं अन्य जोड़ों की शादी में भी कोई फर्जीवाड़ा तो नहीं हुआ.इस घटना ने सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

सामूहिक विवाह योजना गरीब परिवारों की मदद के लिए चलाई जाती है, लेकिन यदि इसमें इस तरह की गड़बड़ियां होती हैं तो यह न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग है, बल्कि सामाजिक व्यवस्था के साथ भी खिलवाड़ है. अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है.

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