India vs Australia Melbourne Test: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज फिलहाल 1-1 की बराबरी पर है. मेलबर्न में चौथे टेस्ट मैच की पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के लिए डेब्यू करने वाले सैम कोंस्टास ने सबको प्रभावित किया. उन्होंने भारत के दिग्गज तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की गेंद पर दो छक्के लगाकर सनसनी मचा दी. इसके बाद उनकी जमकर तारीफ हो रही है. अब बुमराह ने कोंस्टास पर बयान देकर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और क्रिकेट एक्सपर्ट को चौंका दिया है.
कोंस्टास से मुकाबला रोचक रहा
बुमराह ने शनिवार को कहा कि उन्हें कभी लगा नहीं कि वह विकेट से दूर हैं. उन्होंने कहा कि चौथे टेस्ट के पहले दिन कोंस्टास से रोचक मुकाबला रहा.वह पहले दो ओवर में छह सात बार उसे आउट कर सकते थे. कोंस्टास ने 65 गेंद में 62 रन बनाए और बुमराह को दो छक्के भी जड़े. टेस्ट क्रिकेट में तीन साल में पहली बार किसी बल्लेबाज ने बुमराह की गेंद पर छक्का लगाया.
ये भी पढ़ें: झुकेगा नहीं….अल्लू अर्जुन के फैन निकले नीतीश कुमार रेड्डी, पहली फिफ्टी के बाद दिखाया ‘पुष्पा’ वाला अंदाज
‘मैं अच्छी गेंदबाजी कर रहा हूं’
बुमराह ने चैनल 7 से कहा, ”मैं चीजों को उस तरह से नहीं देखता. मैं अच्छी गेंदबाजी कर रहा हूं और नतीजे मेरे पक्ष में है लेकिन अलग अलग जगहों पर मैंने बेहतर गेंदबाजी की है. क्रिकेट में यही होता है कि कई बार आपको विकेट मिलते हैं लेकिन कई बार अच्छी गेंदबाजी करने पर भी विकेट नहीं मिलते. सब कुछ बराबर चलता है. मैंने 12 साल से अधिक टी20 क्रिकेट खेला है और इसका अच्छा खासा अनुभव है.”
मुझे लगा नहीं कि मैं विकेट से दूर हूं: बुमराह
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में इस साल अब तक 24 विकेट ले चुके बुमराह ने कहा, ”कोंस्टास रोचक बल्लेबाज हैं. मुझे लगा नहीं कि मैं विकेट से दूर हूं. शुरू में मुझे लगा कि पहले दो ओवर में छह सात बार उसे आउट कर सकता हूं लेकिन क्रिकेट में ऐसा ही होता है. कई बार विकेट मिल जाती है और जब नहीं मिलती तो आप उसी व्यक्ति की आलोचना करते हैं. मुझे नयी चुनौतियों का सामना करना पसंद है.”
ये भी पढ़ें: टीम इंडिया के लिए हर मैच में विलेन बन रहा ये खिलाड़ी, अब गावस्कर ने बताया ‘मूर्ख’
ऑस्ट्रेलिया में खेलना बुमराह को पसंद
बुमराह ने कहा. ”आस्ट्रेलिया में हमेशा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता रहा हूं. मैंने पहली बार 2018 में यहां टेस्ट खेला था और 2016 में वनडे में डेब्यू किया. यहां काफी चुनौतियां मिलती है क्योंकि विकेट सपाट हैं और नयी गेंद से कूकाबूरा से मदद मिलती है लेकिन बाद में नहीं. इसलिय आपकी सटीकता की जांच होती है. मौसम आपकी फिटनेस और धैर्य की परख करता है. एक बार इन चुनौतियों से उबरने के बाद आप बेहतर क्रिकेटर बनते हैं.”