रिपोर्ट : मंगला तिवारी
मिर्जापुर. देश के कोने-कोने में रोशनी का त्योहार दीपावली बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. हिंदू धर्म में दीपावली को बेहद खास माना जाता है. इस दिन घर-घर में भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. हिंदू अपने घर और मंदिर में दीपक जलाते हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मिर्जापुर में दर्जन भर गांव ऐसे हैं, जहां पर दीपावली का त्योहार नहीं मनाया जाता है. इन गांवों में लोग दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा भी नहीं करते हैं और न ही पटाखे जलाते हैं.
आइए बताते हैं आपको कि आखिर यहां रोशनी का त्योहार दिवाली क्यों नहीं मनाई जाती है. इसके पीछे मान्यता क्या है. ये गांव मिर्जापुर जनपद में हैं. यहां के मड़िहान तहसील के राजगढ़ इलाके में एक गांव है अटारी. इस अटारी और उसके आसपास बसे लगभग आधा दर्जन गांव में रहनेवाले चौहान समाज के लोग दीपावली का पर्व नहीं मनाते.
पृथ्वीराज चौहान की हत्या
इन गांवों में चौहान समाज की आबादी लगभग 8 हजार है. यहां लोग सैकड़ों साल से दीपावली के दिन शोक मनाते हैं. गांवों में बसे चौहान समाज के लोग खुद को अंतिम हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान का वशंज बताते हैं. चौहान समाज के लोगों का मानना है कि दीपावली के दिन ही मोहम्मद गोरी ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान की हत्या की थी. इतना ही नहीं गोरी ने शव को गंधार में ले जाकर दफनाया भी था. इस वजह से लोग इस दिन अपने घरों में दीपक नहीं जलाते.
परंपरा का निर्वाह
अटारी गांव के रामधनी सिंह ने बताया कि महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु इसी दिन हुई थी. इस वजह से हमलोग दीपावली का पर्व नहीं मनाते. एकादशी के दिन हम लोग दीपावली का त्योहार मनाते हैं. इसी गांव की रहनेवाली मुन्नी देवी बताती हैं कि हमारे पूर्वज दीपावली नहीं मनाते थे, उस परंपरा का निर्वाह हम कर रहे हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Diwali Celebration, Mirzapur news, UP newsFIRST PUBLISHED : October 25, 2022, 16:16 IST
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