अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ. यूपी की राजधानी लखनऊ का एक ऐसा चमत्कारी मंदिर, जो कि सिद्धपीठ है. इसको मेंहदीपुर वाले बालाजी की तर्ज पर स्थापित किया गया है. यह मंदिर कितना पुराना है इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है, लेकिन यहां पर सोने और चांदी के बालाजी हैं. जबकि इस मंदिर में शनिवार और मंगलवार को कदम रखने लायक भी जगह नहीं होती है. इन दो दिनों पर अधिक भीड़ होने की एक मान्यता भी है.मान्यता ऐसी है कि सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे. दरअसल शनिवार और मंगलवार को यहां पर लोग अपने शरीर के ऊपर से नारियल उतार कर बालाजी महाराज के चरणों में अर्पित करते हैं. कहते हैं कि ऐसा करने से अगर किसी ने जादू टोना कराया हो या कोई दिक्कत आने वाली हो तो वो नहीं आती है. इसके अलावा एक बेहद अनोखी मान्यता भी है कि यहां पर आने वाले भक्तों अपने शरीर के ऊपर से 10 रुपए भी उतारकर मंदिर के दान पेटी में डालते हैं. कहते हैं कि ऐसा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.बालाजी महाराज हैं स्वयंभू मंदिर के महंत रमेश द्विवेदी ने बताया कि पिछले 45 सालों से वह यहां पर महंत हैं. उनके पूर्वज भी इस मंदिर को संभालते थे. मंदिर लगभग 100 साल से भी पुराना है. उन्होंने बताया कि यहां पर बालाजी महाराज स्वयंभू हैं. स्वयंभू यानी स्वयं प्रकट हुए हैं. 10 रुपए वाली और नारियल वाली मान्यता पर उन्होंने बताया कि यह भक्तों का विश्वास है, जो वो बालाजी महाराज पर करते हैं. भक्तों को ऐसा करने से लाभ भी होता है.सोने और चांदी के बालाजी महाराजइस मंदिर में बालाजी महाराज की दो प्रतिमाएं हैं. पहली जो सबसे बड़ी और प्राचीन प्रतिमा है उस पर चांदी की परत लगाई गई है. जबकि छोटी बालाजी की प्रतिमा पर सोने की परत चढ़ी हुई है. हर मंगलवार और शनिवार को भी दोनों पर परत चढ़ाई जाती है. भक्त इसे चोले के रूप में चढ़ाते हैं.इस मंदिर में जाने से पहले जान लें यहअगर आप यहां पर दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं, तो यह मंदिर लखनऊ के राजाजीपुरम के तालकटोरा में स्थित है. यह मंदिर सुबह 6 बजे खुल जाता है और रात में 9:30 बजे बंद होता है. मंदिर में आरती का वक्त सुबह 7:30 बजे और रात में भी 7:30 ही है. मंदिर के पास ही आपको प्रसाद भी मिल जाएगा. इस मंदिर में बालाजी महाराज के अलावा प्रेत महाराज, शिवजी, सीताराम, मां भगवती और बटुक भैरव भी हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : May 16, 2023, 11:09 IST
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