ऑस्ट्रेलिया त्वचा कैंसर की सबसे अधिक दर वाले देशों में से एक है, जहां हर साल लगभग 19,000 लोग मेलेनोमा नामक त्वचा कैंसर के सबसे खतरनाक रूप से प्रभावित होते हैं. यह कैंसर त्वचा की कोशिकाओं से पैदा होता है और यदि इसका समय पर पता चल जाए तो इलाज भी संभव है.
हालांकि, ऑस्ट्रेलिया में स्वास्थ्य अधिकारी मेलेनोमा की नियमित जांच की सिफारिश नहीं करते. इसके बावजूद, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि त्वचा कैंसर की जांच को लेकर व्यापक दृष्टिकोण अपनाने से जीवन बचाए जा सकते हैं. इस संदर्भ में, क्या नियमित त्वचा कैंसर की जांच की आवश्यकता है? क्या इससे जीवन बचाना संभव है या केवल संसाधनों की बर्बादी है? आइए जानते हैं-
मेलेनोमा और इसके खतरे
ऑस्ट्रेलिया में हर साल मेलेनोमा के लगभग 19,000 नए मामले सामने आते हैं, जो कि तेजी से फैलने वाले और किसी भी अंग में जा सकते हैं. इसके अलावा, लगभग 28,000 लोग “इन-सीटू” मेलेनोमा का शिकार होते हैं, जो इस कैंसर का प्रारंभिक और अधिक इलाज योग्य चरण होता है. “इन-सीटू” का मतलब है कि कैंसर कोशिकाएं केवल त्वचा की ऊपरी परत में ही सीमित रहती हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं फैलतीं.
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राष्ट्रीय जांच कार्यक्रम का सवाल
ऑस्ट्रेलिया में अब तक मेलेनोमा के लिए कोई राष्ट्रीय जांच कार्यक्रम नहीं है, जबकि यहां अन्य कैंसर जैसे स्तन, गर्भाशय-ग्रीवा और आंत्र कैंसर के लिए जांच की जाती है. यह सवाल उठता है कि क्या पूरे देश में मेलेनोमा की जांच जरूरी है? विशेषज्ञों का कहना है कि यह मुद्दा जटिल है.
क्या त्वचा कैंसर की जांच से जीवन बचता है? कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि त्वचा कैंसर की जांच से मेलेनोमा के मामले बढ़ सकते हैं, लेकिन इससे जीवन बचाने की संभावना भी हो सकती है. अगर जांच से कैंसर के प्रारंभिक चरणों का पता चलता है, तो इसका इलाज अधिक सफल हो सकता है. हालांकि, कुछ मामलों में जांच से ऐसे कैंसर का पता भी चलेगा, जिनके बारे में लोग पहले से जानते नहीं थे, और वे इनसे सुरक्षित रूप से जी सकते थे.
क्या यह कार्यक्रम महंगे होंगे?
राष्ट्रव्यापी जांच कार्यक्रम को लागू करने में बहुत अधिक निवेश और संसाधन की आवश्यकता होगी। इसलिए, इस कार्यक्रम की लागत और इसके फायदे की गणना करना महत्वपूर्ण है. क्या यह निवेश स्वास्थ्य प्रणाली के लिए उचित है, यह एक अहम सवाल है.
ज्यादा जोखिम वाले लोगों पर फोकस
सभी लोगों की जांच करने के बजाय, उच्च जोखिम वाले समूहों पर ध्यान केंद्रित करने से अधिक प्रभावी परिणाम मिल सकते हैं. जिन व्यक्तियों को गोरी त्वचा, लाल बाल, सनबर्न का इतिहास, कई मस्से या पारिवारिक इतिहास है, उन्हें अधिक खतरा हो सकता है.
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स्वयं जांच करने का महत्व
स्वयं अपनी त्वचा की जांच करना भी एक अच्छा उपाय है. ‘स्किन कैंसर कॉलेज ऑस्ट्रेलिया’ ने ‘स्कैन योर स्किन’ नामक एक गाइड जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि किस प्रकार के त्वचा के धब्बों पर ध्यान दिया जाना चाहिए. इसमें खुजली, रक्तस्राव, आकार में परिवर्तन, या हाल ही में उभरे हुए तिल पर ध्यान देने को कहा गया है. यदि आपको कुछ भी असामान्य लगे, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
एजेंसी