संजय यादव/बाराबंकी: आज भारत के ग्रामीण इलाकों में मधुमक्खी पालन का चलन बढ़ता जा रहा है. कभी पारंपरिक खेती के कारण घाटे में जा रहे किसान भी अब मधुमक्खी पालन के जरिये अच्छी पैदावार और शहद उत्पादन के जरिये अच्छी आमदनी ले रहे हैं. बाराबंकी के एक युवक ने मधुमक्खी पालन पांच बॉक्स से शुरू किया था और आज इनके पास 2700 से अधिक मधुमक्खी के बक्से हैं. कुछ नया करने की चाहत में अजीत वर्मा ने विदेश में मधुमक्खी पालन करने वाले बड़े किसानों से संपर्क किया और उनके सहयोग से करीब एक साल पहले मधुमक्खियां के कृत्रिम गर्भाधान के लिए लैब तैयार किया. उनका दावा है कि ऐसा करने वाले वह देश के पहले किसान है. कृत्रिम गर्भाधान से तैयार होने वाली रानी मधुमक्खी के जरिए वो समान्य मधुमक्खियां की तुलना में दुगना शहद उत्पादन कर रहे हैं.
बाराबंकी जिले के विकासखंड हरक क्षेत्र के ग्राम दरावपुर निवासी अजीत कुमार ने 2700 बॉक्स पर शहद उत्पादन कर रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों में प्रति बॉक्स शहद का उत्पादन काफी कम हुआ तो अजीत ने ऑनलाइन अमेरिका स्वीडन के मधुमक्खी पालकों से संपर्क किया और व्हाट्सएप मैसेंजर के जरिए प्रशिक्षण प्राप्त किया. वर्ष 2022 में भारत में पहले कृत्रिम रानी गर्भाधान लाइव की स्थापना की. यह कृत्रिम रूप से रानी मधुमक्खी में तीन चरणों के चुनाव के बाद का संशोधित सिमेंन से ड्रोन विधि से गर्भाधान कर रहे हैं. इस प्रकार से तैयार की गई रानी मधुमक्खी के बॉक्स में प्रतिवर्ष 25 से 30 किलोग्राम की जगह 55 से 60 किलोग्राम शहद का उत्पादन होता है.
सही देखभाल से किसान मालामालअजीत वर्मा ने बताया कि सबसे पहले ज्यादा शहद उत्पादन करने वाले बॉक्स से ड्रोन विधि से नर मधुमक्खी ले लेते हैं. इसके बाद इसको लैब ले जाकर उसका सीमेंन निकालते हैं. जिसे नाइट्रोजन में करीब 45 मिनट तक डुबोकर रखा जाता है ताकि सीमेंन में न्यूट्रिशन बन सके. इसके बाद लैब में 9 माइक्रो लीटर सीमेंन रानी मधुमक्खी को इनक्यूबेटर में 3 से 4 दिन रखा जाता है ताकि वह अंडा देने के लिए तैयार हो सके. रानी मधुमक्खी की मांग जिले के साथ दिल्ली, पंजाब, राजस्थान व मध्य प्रदेश के किसानों में ज्यादा है. यह किसान व्हाट्सएप के जरिए हमसे संपर्क करते हैं और ऑर्डर के अनुसार रानी मधुमक्खी भेजी जाती है. यह जो हमारी लैब है राजेंद्र मधुमक्खी के नाम से जानी जाती है.
मधुमक्खी पालन से मुनाफाआज बाराबंकी के कई किसान मधुमक्खी पालन और शहद क्रांति से जुड़कर काफी अच्छी आमदनी ले रहे हैं. विशेषज्ञों की मानें को मधुमक्खी पालन छोटे स्तर से लेकर बड़े पैमाने पर भी कर सकते हैं. ये एक ऐसा काम है, जिसमें ज्यादा पूंजी की जरूरत नहीं होती, बल्कि सही प्रबंधन करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. वहीं ये मधुमक्खियां किसानों की तरह ही खेतों में मजदूरी करके फसलों का बेहतर उत्पादन दिलाती हैं.
.Tags: Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : December 9, 2023, 11:04 IST
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