Health

Is robotic surgery safe if robots become the new doctors will it benefit for patients or not | क्या रोबोटिक सर्जरी सेफ होती है? अगर रोबोट नए डॉक्टर बन जाए तो मरीजों को फायदा होगा या खतरा



रोबोटिक सर्जरी अब मेडिकल सेक्टर में एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आई है. यह तकनीक सर्जरी के दौरान डॉक्टरों को ज्यादा सटीकता प्रदान करती है, जिससे कठिन ऑपरेशन को बेहतर ढंग से अंजाम दिया जा सकता है. खासतौर पर जोड़ों की सर्जरी जैसी कठिन प्रक्रियाओं में, यह तकनीक ज्यादा प्रभावी साबित हो रही है.
फरीदाबाद सरवोदय अस्पताल में रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट के एचओडी और डायरेक्टर डॉ. सुजॉय भट्टाचार्य के अनुसार, “रोबोटिक सर्जरी में, सर्जन रोबोटिक उपकरणों को कंट्रोल करते हैं, जो इंसानी हाथों की तुलना में ज्यादा सटीक होते हैं. यह तकनीक कंपन को कम करती है और सर्जरी के दौरान ज्यादा नाजुक काम करने की क्षमता प्रदान करती है.
रोबोटिक सर्जरी के फायदेरोबोटिक सर्जरी के कई फायदे सामने आए हैं, जैसे छोटे चीरे, कम ब्लीडिंग, जल्दी रिकवरी और कम पोस्ट-ऑपरेटिव दर्द. इन सभी फैक्टर्स की वजह से मरीजों को ऑपरेशन के बाद जल्दी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है और अस्पताल में रहने की अवधि भी कम हो जाती है.
रोबोटिक सर्जरी की चुनौतियांहालांकि, कुछ चुनौतियां और खतरे भी जुड़े हैं. डॉ. भट्टाचार्य ने चेताया कि रोबोटिक सर्जरी की एक मुख्य चिंता इसका हाई लागत है, जो हर मरीज के लिए वहन करना संभव नहीं हो सकता. इसके अलावा, सर्जनों के लिए इस नई तकनीक को सीखने की एक चुनौती भी होती है, और अनुभव की कमी के कारण कठिनताएं पैदा हो सकती हैं. इसके अलावा, जैसे किसी भी तकनीक में संभावित मैकेनिकल फेलियर का खतरा होता है, वैसे ही रोबोटिक सर्जरी में भी कभी-कभार इस तरह की समस्या हो सकती है, हालांकि यह दुर्लभ है.
क्या मानव की जगह लेगा रोबोटिक सर्जरीयह महत्वपूर्ण है कि रोबोटिक सर्जरी मानव डॉक्टरों की जगह नहीं लेती, बल्कि उनकी क्षमताओं को बढ़ाती है. सर्जरी के दौरान सर्जन का अनुभव और स्किल बेहद महत्वपूर्ण रहता है, क्योंकि वे ही पूरी प्रक्रिया को कंट्रोल करते हैं. जब ट्रेंड प्रोफेशनल द्वारा यह सर्जरी की जाती है, तो यह तकनीक मरीजों को बड़े लाभ प्रदान कर सकती है. अंततः, मरीजों की सुरक्षा सर्जन की योग्यता और तकनीक के उचित उपयोग पर निर्भर करती है. रोबोटिक सर्जरी ने मेडिकल जगत में एक क्रांति लाई है, लेकिन इसका सही इस्तेमाल ही मरीजों के लिए सुरक्षित और लाभकारी साबित हो सकता है.



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