अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ. मां गंगा के समान मानी जाने वाली गोमती नदी लखनऊ समेत आसपास के क्षेत्र के लोगों के लिए पानी की लाइफ लाइन है. अगर आपको भी गोमती नदी में डुबकी लगाने का शौक है तो अब सावधान हो जाइए. दरअसल ऐसा करना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस गोमती नदी में छठ पूजा में बड़ी संख्या में लोग उतरते हैं, पूजा करते हैं, आरती की जाती है. उसी गोमती नदी में वर्तमान में 33 नालों का गंदा पानी गिर रहा है.
यह हकीकत तब सामने आई जब मंडलायुक्त रोशन जैकब ने इस संबंध में बैठक की. दरअसल, मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में शुक्रवार को गोमती नदी और कुकरैल नदी में गिरने वाले शहर के गंदे नालों द्वारा प्रदूषित जल को रोकने और नदी के जल की गुणवत्ता में सुधार लाने के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक की गई.
नदी में गिर रहा नालों का गंदा पानीबैठक के दौरान मंडलायुक्त ने कहा कि जल प्रदूषण से लोग ही नहीं बल्कि पशु-पक्षी और दूसरे जीव भी प्रभावित होते हैं.प्रदूषित जल पीने, पुनःसृजन कृषि और उद्योगों के लिए भी उपयुक्त नहीं हैं. यह झीलों और नदियों की सुन्दरता को कम करता है. प्रदूषित जल जलीय जीवन को समाप्त करता है. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ब्योरेडिमेशन कितने नालों का कराना है, उसका सर्वे कर लिया जाए.
इस तरह सामने आई हकीकतइस दौरान नगर निगम के मुख्य अभियंता महेश वर्मा ने बताया कि 33 ड्रेन के नाले और नालों का पानी गोमती नदी में जाकर फिलहाल गिर रहा है. मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की संख्या में बढ़ोतरी करें, जिससे नाले और नालों में आ रहे गंदे पानी को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए साफ किया जा सके. उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी कमियों की वजह से गोमती नदी में प्रदूषण हो रहा है, जिनको सुधार कर काफी हद तक प्रदूषण कम किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जल निगम नये एसटीपी निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करे.
.Tags: Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : October 28, 2023, 06:56 IST
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