रजत भट्ट/गोरखपुर. देशभर में नवरात्र की धूम है, हर तरफ मां के श्रद्धालु भक्ती में लीन हैं. शहर में कई ऐसे मंदिर मौजूद है जिनका अपना अलग इतिहास और अपनी मान्यताएं हैं. लोगों की वहां श्रद्धा इतनी है कि उन मंदिरों पर श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ होती है. लेकिन शहर में एक ऐसा मंदिर है जहां मां काली विराजमान है. गोरखपुर के गोलघर में मौजूद काली मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है. मां काली का प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां काली मां की मूर्ति जमीन फाड़कर निकली है.गोरखपुर शहर का गोलघर एक ऐसा जगह जिसको हर कोई जानता है. वर्षों पहले शहर के इस जगह पर जंगल हुआ करता था और तभी जंगल के एक हिस्से में मां का मुखड़ा धरती से ऊपर आया. इसके बाद यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी, आस पास के लोग इकट्ठा हो गए और यहां पूजा पाठ करने लगे. तभी श्रद्धालुओं की आस्था को देखकर जांगीलाल जायसवाल ने विक्रम संवत यहां मंदिर का निर्माण कराया. तभी से काली माता के मंदिर से यह जाने जाना लगा. कहते हैं मां काली से सच्चे मन से जो भी भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए मां काली की आराध्य करता है. मां काली उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करती हैं.नवरात्र में होती है जबरदस्त भीड़काली मंदिर के पुजारी कृष्ण गोपाल सैनी बताते हैं कि नवरात्र शुरू होते ही लोग मां दुर्गा की पूजा अर्चना शुरू करते हैं. 9 दिनों तक हर एक देवी को आराध्यमन कर लो पूजा पाठ करते हैं. लेकिन नवरात्र में पूरे 9 दिन तक इस मंदिर पर मां काली की पूजा अर्चना की जाती है. कपाट खोलते ही लोगों की जबरदस्त भीड़ होती है. लाइन लगाकर लोग मां की पूजा अर्चना करते हैं. इस मंदिर से ही शहर के सारे लोग अपने शुभ कार्य करते हैं. यहां पर मन्नत मांगने के बाद लोगों की झोली खाली नहीं जाती है..FIRST PUBLISHED : October 18, 2023, 16:13 IST
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