इस कुंड की त्रेतायुग से जुड़ी है मान्यता, भगवान सूर्य ने एक महीने तक यहीं से किए थे राम लला के दर्शन

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इस कुंड की त्रेतायुग से जुड़ी है मान्यता, भगवान सूर्य ने एक महीने तक यहीं से किए थे राम लला के दर्शन


सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या. भगवान राम की नगरी में मंदिर निर्माण के साथ-साथ संपूर्ण अयोध्या को अलौकिक रूप से सजाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. अयोध्या के विकास में आधुनिकता का समावेश तो होगा ही इसके साथ-साथ यहां की पौराणिकता को भी सहेजने का काम प्रदेश की योगी सरकार बखूबी कर रही है. शायद यही वजह है कि अयोध्या के पौराणिक कुडों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है. करोड़ों रुपए की लागत से पर्यटक के लिए आकर्षण का केंद्र बनाया जा रहा है. आज हम आपको इस रिपोर्ट में एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जिस का इतिहास त्रेता युग से है तो चलिए जानते हैं.

हम बात कर रहे हैं राम जन्मभूमि से लगभग 6 किलोमीटर दूरी पर स्थित सूर्य कुंड की जिसकी धार्मिक मान्यता त्रेता काल से है. त्रेता युग में जब भगवान राम अयोध्या में जन्म लिए तो उनका दर्शन करने के लिए 33 करोड़ देवी देवता धर्म नगरी अयोध्या पहुंचे. उनमें से सबसे आगे भगवान सूर्य थे. भगवान सूर्य ने इसी जगह से एक महीना तक रुक कर भगवान राम की बाल लीलाओं का दर्शन किया 1 महीने तक अयोध्या में दिन ही दिन नजर आ रहा था. आज उसी जगह को सूर्यकुंड के नाम से जाना जाता है जब प्रदेश में योगी की सरकार बनी तो अयोध्या की तकदीर ही नहीं तस्वीर भी बदलती गई. रामायण कालीन पौराणिक और ऐतिहासिक कुंडो का प्रदेश की योगी सरकार ने जीर्णोद्धार कराया उन्हीं में से एक सूर्यकुंड भी है.

14 करोड़ की लागत से इस कुंड का हुआ जीर्णोद्धार

लगभग 14 करोड़ की लागत से अयोध्या में भगवान सूर्य का सूर्य कुंड सूर्य की तरह चमक रहा है. यहां बच्चों के लिए मनोरंजन का पार्क विकसित किया गया है. इसके अलावा परिसर में ही ओपन एयर थिएटर का भी निर्माण किया गया है. इसके अलावा रात्रि 8:00 बजे से सूर्य कुंड की दिव्य और भव्य लेजर शो राम भक्तों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है. जब लेजर शो के माध्यम से भगवान राम की गाथा सूर्य कुंड में दिखाई जाती है. जहां दूरदराज से आए श्रद्धालु और पर्यटक भक्ति भाव में सराबोर नजर आते हैं.

जानिए धार्मिक मान्यता

सूर्य कुंड मंदिर के पुजारी सीतारामदास बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जबसे सूर्यकुंड का जीर्णोद्धार कराया है. तब से यहां पर प्रतिदिन श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. इतना ही नहीं इस कुंड की धार्मिक मान्यता त्रेता काल से भी जुड़ा हुआ है. त्रेता युग में जब भगवान प्रभु राम ने अयोध्या में जन्म लिया था तो भगवान राम लला का दर्शन करने भगवान सूर्य इसी धरा पर आए थे.दर्शन करने के पश्चात भगवान सूर्य इतना मंत्रमुग्ध हो गए कि वह एक महीना यहीं से दर्शन किए जिसका वर्णन रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास ने भी किया है. उस समय 1 महीने तक केवल अयोध्या में दिन ही दिन था.
.Tags: Hindi news, Local18, Religion 18, UP newsFIRST PUBLISHED : June 25, 2023, 22:00 IST



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