अंजली शर्मा /कन्नौज. इत्र की सुगंध के साथ-साथ कन्नौज आलू की बड़ी पैदावार के क्षेत्र में भी जाना जाता है. ऐसे में किसान यहां पर समय-समय पर अलग-अलग खेती करते हैं. एक ऐसे ही जागरूक किसान अमिताभ भदौरिया ने अपनी अलग सोच के चलते पारंपरिक खेती आलू से हटके टमाटर की खेती करके अपनी किस्मत बदल दी है. 500 पौधों से शुरू हुई टमाटर की खेती इस बार 20 बीघे तक पहुंच गई है. किसान ने 20 बीघे में टमाटर की खेती से करीब 10 लाख से भी ज्यादा का मुनाफा होने का अनुमान जताया है.
10 लाख से अधिक मुनाफे का है अनुमान
कन्नौज के हसेरन ब्लाक के गुलरिया पुरा गांव निवासी अमिताभ भदौरिया ने एमकॉम तक की पढ़ाई की है. अमिताभ के पास 300 बीघा से अधिक पैतृक जमीन है. वह शुरुआत से ही खेती में रुचि रखते थे और कुछ नया करने की ललक उनको आगे बढ़ाए रहती थी. इसके बाद उन्होंने पिछले सीजन में उमर्दा के सेंटर आफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल से टमाटर के 500 पौधे लिए थे. 10,000 की लागत के बाद एक फसल में उनको करीब ₹1 लाख का मुनाफा हुआ था. कम लागत में अधिक मुनाफा होने पर इस साल और अधिक पैदावार करने के लिए उन्होंने 20 बीघे में 30,000 पौधे लगाकर फसल की पैदावार की है. इससे करीब 10 लाख से अधिक का मुनाफा होने का अनुमान है.
अलग करने की रहती सोच
एक अच्छी पढ़ाई करने के बाद अमिताभ हमेशा ही जमीन से जुड़े रहे और खेती में रुचि लेते रहे. वह खेती आम लोगों की तरह नहीं कुछ अलग करके एक मिसाल के तौर पर खेती को साबित करना चाहते हैं. उनकी लगन कन्नौज के उद्यान विभाग के अधिकारी भी समझते हैं. हमेशा कृषि वैज्ञानिकों से सलाह मशविरा करते रहना और उनसे बातचीत करके नई नई तकनीकों का प्रयोग वह करते रहते हैं. जागरूक किसान अमिताभ भदौरिया कई तरह की फसलों में जिले का नाम भी रोशन कर चुके हैं. तरबूज की कई वैरायटी की फसल वह हर साल करते हैं. वहीं इस बार उन्होंने टमाटर की खेती बड़े पैमाने पर की है.
क्या बोले किसान
किसान अमिताभ भदौरिया बताते हैं कि वह हमेशा नई-नई तकनीक का प्रयोग करते हैं और कृषि विभाग के अधिकारियों के संपर्क में हमेशा रहते हैं, ताकि उनसे वह और ज्यादा अच्छी तरह से खेती के गुर सीख सकें. पिछले साल उन्होंने मात्र 500 पौधों से बहुत कम लागत की टमाटर की खेती की थी. जिसमें उनको अच्छा लाभ हुआ था. इस बार उन्होंने 20 बीघा खेती में 30,000 पौध लगाकर यह फसल की है. वह बताते हैं कि इस बार उनका मुनाफा लाखों में पहुंचेगा, उन्होंने किसानों को कहा कि वह लोग भी कृषि वैज्ञानिकों से संपर्क कर खेती के नए-नए गुर सीखकर आजमाएं. ताकि वह भी एक सक्सेसफुल किसान बन सकें. अगर अच्छे से खेती की जाए तो फिर पैसे की कमी नहीं हो सकती.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : November 29, 2024, 07:41 IST