इस गांव में भी ‘गीता-बबीता’… दंगल के लिए बेटियों को फौलाद बना रहे गोल्ड मेडलिस्ट पिता

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इस गांव में भी 'गीता-बबीता'... दंगल के लिए बेटियों को फौलाद बना रहे गोल्ड मेडलिस्ट पिता



सिमरनजीत/शाहजहांपुरः बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’ जैसा नजारा इन दिनों यूपी के शाहजहांपुर में भी देखने को मिल रहा है. यहां एक सफाई कर्मचारी और वेट लिफ्टिंग में गोल्ड मेडल जीतने वाले अजयपाल वर्मा अपनी दोनों बेटियों को वेट लिफ्टिंग के लिए तैयार कर रहे हैं. उनको प्रोफेशनल वेट लिफ्टर  बनाने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं.

अजय पाल ने 2019 में रूस के मॉस्को में आयोजित वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था, लेकिन अब उनका सपना उनकी दोनों बेटियों रोली और निकिता वर्मा को प्रोफेशनल वेट लिफ्टर बनाने का है. रोली की उम्र 17 वर्ष है. उसने अब तक स्टेट और नेशनल वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में 6 गोल्ड मेडल जीते हैं, जबकि निकिता भी उसी राह पर हैं.

पिता का सपना, बेटियों का उत्साहअजय पाल का सपना है कि उनकी बेटियां एक दिन ओलम्पिक में खेलेंगी और गोल्ड मेडल जीतेंगी. वह अपनी बेटियों को प्रोफेशनल वेटलिफ्टर बनाने के लिए दिन-रात मेहनत कराते हैं और साथ ही उनकी पढ़ाई व पोषण का ध्यान भी रखते हैं. उन्होंने अपने भाई की बेटियों को भी वेटलिफ्टिंग के लिए प्रोत्साहित किया है और उन्हें प्रैक्टिस करने के संसाधन मुहैया करवाए हैं.

परिश्रम से पूरा होता है सपनावेटलिफ्टिंग में प्रैक्टिस के लिए अपने वेतन से पैसे खर्च करने वाले अजय पाल ने बेटियों को सिखाया है कि परिश्रम से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है. अपनी बेटियों को प्रेरित किया है कि हारने का विचार ही न करें और हमेशा अपने मार्ग पर आगे बढ़ें. मानवीय साहस और मेहनत के प्रतीक के रूप में अजयपाल और उनकी बेटियां शाहजहांपुर के लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं.
.Tags: Indian weightlifter, Local18, Shahjahanpur News, Sports newsFIRST PUBLISHED : September 03, 2023, 20:18 IST



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