भारत में एनीमिया लंबे समय से एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या रही है, लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन ने इसके पीछे छिपे कुछ अनदेखे कारणों की ओर इशारा किया है. यूरोपियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, एनीमिया के मामलों का बड़ा हिस्सा केवल खून की कमी (आयरन डिफिशियेंसी) के कारण नहीं, बल्कि विटामिन बी12 की कमी और वायु प्रदूषण जैसी समस्याओं से भी जुड़ा है.
आईसीएमआर-एनआईएन, हैदराबाद और ‘विटामिन बी12 इंडिया स्टडी’ के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में आठ राज्यों के 4,613 लोगों का विश्लेषण किया गया. इसके निष्कर्ष बताते हैं कि आयरन की कमी केवल एक तिहाई मामलों में एनीमिया का कारण बनती है. वहीं, विटामिन बी12 की कमी और वायु प्रदूषण जैसे फैक्टर भी एनीमिया की बढ़ती दर में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
शोधकर्ताओं ने बताया कि एनीमिया एक खून से जुड़ी बीमारी है, जिसमें हेल्दी रेड ब्लड सेल्स या तो पर्याप्त मात्रा में नहीं बन पातीं या खराब हो जाती हैं. यह समस्या भारत में तेजी से बढ़ रही है, जैसा कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) के आंकड़ों से पता चलता है.
विटामिन बी12 और वायु प्रदूषण का कनेक्शनअध्ययन में पाया गया कि विटामिन बी12 की कमी न केवल ब्लड सेल्स की संख्या को प्रभावित करती है, बल्कि उनकी क्वालिटी को भी नुकसान पहुंचाती है. दूसरी ओर, वायु प्रदूषण में मौजूद जहरीले कणों का संपर्क शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ाता है, जिससे रेड ब्लड सेल्स प्रभावित होती हैं और एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि NFHS के सर्वेक्षणों में एनीमिया के कारणों की गहराई से जांच नहीं की जाती, क्योंकि वे केवल उंगली से लिए गए ब्लड सैंपल के आधार पर हीमोग्लोबिन की माप करते हैं. वहीं, इस नए अध्ययन में नसों से लिए गए ब्लड सैंपस के आधार पर विश्लेषण किया गया, जिससे वास्तविकता अधिक स्पष्ट हुई.
नीतियों में बदलाव की जरूरतविशेषज्ञों का मानना है कि एनीमिया की रोकथाम के लिए मौजूदा नीतियों में बदलाव जरूरी है. आयरन की कमी को इसका मुख्य कारण मानने के बजाय विटामिन बी12 की कमी और वायु प्रदूषण जैसे कारकों को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)