IPL Media Rights: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के टीवी और डिजिटल अधिकारों के लिये काफी बड़ी बोली देखने को मिली जो इस लुभावनी लीग के प्रत्येक मैच के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक थी. बोली प्रक्रिया दूसरे दिन कराई जाएगी जिसमें मीडिया अधिकारों का संचयी मूल्यांकन 50,000 करोड़ रुपये को भी छू सकता है जो किसी भी खेल में वैश्विक अधिकारों के हिसाब से सबसे बड़ी राशि हो सकती है.
टूटेंगे सारे बड़े रिकॉर्ड्स
नीलामी के लिए सात कंपनियां दौड़ में थीं जिसमें से चार वियाकॉम18, डिज्नी स्टार, सोनी और जी के बीच सात घंटे के बाद भी होड़ निर्णायक नहीं रही जिसमें पैकेज ए (भारतीय टीवी अधिकार) और पैकेज बी (भारतीय डिजिटिल अधिकार) मिलाकर 42,000 करोड़ रुपये की बोली लग चुकी है और यह अब भी जारी है. अंतिम फैसला शायद सोमवार या मंगलवार देर तक नहीं आ सकता क्योंकि पैकेज ए और बी के लिए बोलियां सोमवार को भी जारी रहेंगी.
एक बार यह खत्म हो जाएगा तो पैकेज बी फिर पैकेज सी को चुनौती दे सकता है जिसमें 18 गैर एक्सक्लूसिव डिजिटल अधिकार शामिल है और प्रत्येक मैच 16 करोड़ रुपये का होगा जबकि इसके बाद पैकेज डी (विदेशी टीवी और डिजिटिल संयुक्त रूप से, प्रत्येक मैच तीन करोड़ रुपये) के लिए बोली लगाई जाएगी. बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘अभी तक साढ़े पांच बजे के बाद टीवी के लिए बोली प्रत्येक मैच 57 करोड़ रुपये तक जा चुकी है जिसका आधार मूल्य 49 करोड़ रुपये था. वहीं भारतीय डिजिटल अधिकार 33 करोड़ रुपये से प्रत्येक मैच 48 करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं.’
100 करोड़ के पार पहुंचा एक मैच
उन्होंने कहा, ‘पिछले पांच साल के चक्र में प्रत्येक मैच के संयुक्त रूप से 54.5 करोड़ रुपये की कीमत को देखते हुए यह राशि अभी तक 100 करोड़ रुपये (105 करोड़ रूप से अधिक) को पार कर चुकी है. यह अविश्वसनीय है. यह अब कल फिर दोबारा शुरू होगी.’ यह पता नहीं चला है कि चारों बोलीकर्ताओं में कौन सबसे ज्यादा बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहा था, लेकिन उम्मीद है कि वियाकॉम18 उदय शंकर का दल बोली में मौजूदा अधिकार धारी डिज्नी (स्टार) के साथ भिड़ा हुआ था.
मुंबई में मौजूद एक अन्य बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘हमें शानदार डिजिटल बोलियों की उम्मीद थी जिसमें ग्रुप ए और बी के बीच द्वंद्व अभी तक जारी है. 50,000 करोड़ रुपये का जादुई आंकड़ा छुआ जा सकता है. पैकेज सी और पैकेज डी के लिए मोटे तौर पर अनुमान लगाया जा सकता है कि ये दोनों पैकेज (ग्रुप ए और बी) अगर 45,000 करोड़ पर रुक जाते हैं तो 55,000 करोड़ रुपये और जुड़ जाएंगे.’