नई दिल्ली: आईपीएल इतिहास की सबसे सफल टीम की जब भी बात होती है तो सबसे पहले मुंबई इंडियंस की टीम का नाम आता है. मुंबई को आईपीएल की सबसे कामयाब टीम कहा जाता है. इस टीम ने सबसे ज्यादा 5 बार खिताब अपने नाम किया है. इस टीम की कामयाबी की सबसे बड़ी वजह टीम मैनेजमेंट का खिलाड़ियों में भरोसा जताना बताया जाता है. मुंबई इंडियंस की टीम ने कई मैच विनर भारतीय टीम को भी दिए है जिसमें जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या, सूर्यकुमार यादव जैसे खिलाड़ियों का नाम शामिल हैं. लेकिन इस टीम के लिए कुछ खिलाड़ी ऐसे भी खेले जिनकी काबिलियत पर मुंबई इंडियंस ने कभी भी भरोसा नहीं दिखा, और ये खिलाड़ी अब दूसरी टीमों के लिए धमाकेदार प्रदर्शन कर रहे है.
युजवेंद्र चहल
युजवेंद्र चहल इस समय टी20 में भारत के सबसे सफल स्पिनर है. चहल ने अपनी गेंदबाजी का जलवा आईपीएल और टीम इंडिया दोनों में दिखाया है. आईपीएल में आरसीबी के लिए खेलने से पहले यह गेंदबाज मुंबई इंडियंस का हिस्सा थे. 2011 से लेकर 2013 तक चहल मुंबई इंडियंस की टीम का हिस्सा थे. लेकिन मुंबई ने चहल को मात्र एक मैच ही खेलने का मौका दिया था. उस मैच में उन्होंने बिना कोई विकेट लिए 34 रन दिए थे. चहल के आईपीएल करियर को देखा जाए तो चहल ने 114 मैच खेले है जिसमें उनके नाम 139 विकेट हैं. इस बार चहल राजस्थान रॉयल्स की टीम के लिए खेलते दिखाई देंगे.
ग्लेन मैक्सवेल
टी20 फॉर्मेट में जब भी सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों की बात होती है तो ग्लेन मैक्सवेल का नाम भी इस लिस्ट में आता है. मैक्सवेल महज कुछ गेंदों में खेल को पूरी तरह से बदलने की काबिलियत रखते हैं. मैक्सवेल ने अपने आप को अंतर्राष्ट्रीय स्तर और आईपीएल में कई बार साबित भी किया है. आईपीएल 2013 ऑक्शन में मुंबई इंडियंस ने मैक्सवेल खरीदा था. लेकिन मुंबई ने सिर्फ 3 मैच में ही मैक्सवेल खेलने का मौका दिया था. इसके बाद उन्हें 2014 सीजन से पहले रिलीज कर दिया और मैक्सवेल ने आईपीएल में नयी टीम के साथ थाम लिया और अगले ही सीजन में वैल्युएबल प्लेयर का अवार्ड जीता था.
क्रिस लिन
क्रिस लिन टी20 फॉर्मेट में एक ऐसा नाम है जिसे अच्छे-अच्छे गेंदबाज गेंदबाजी करने से पीछे हटते है. लेकिन क्रिस लिन भी इस सूची में शामिल है जिसे मुंबई इंडियंस ने कभी भी मैच विनर नहीं समझा. इस बल्लेबाज को मुंबई इंडियंस ने 2020 के ऑक्शन में अपनी टीम में शामिल किया था. लिन को उस सीजन एक भी मैच में नहीं खिलाया गया और पूरे सीजन क्रिस लिन सिर्फ बाहर बैठे-बैठे मैच देखते रहे. 2021 के सीजन भी उन्हें डीकॉक के ना होने पर खिलाया गया, लिन ने अच्छा प्रदर्शन भी किया फिर भी पहले मैच के बाद उन्हें खेलने का मौका नहीं दिया गया.