International Men’s Day: कानून का सहारा लेकर किन धाराओं में फसाये जाते है निर्दोष पुरुष, जानें डिटेल

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International Men's Day: कानून का सहारा लेकर किन धाराओं में फसाये जाते है निर्दोष पुरुष, जानें डिटेल



विशाल झा/गाजियाबाद. देश आज अंतराष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men’s Day ) 19 नवंबर कों हर वर्ष बनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य जेंडर के बीच संबंधो में सुधार करना, पुरुष रोल मॉडल कों उजागर करना और पुरुषत्व की सकारात्मक अभिव्यक्ति कों बढ़ावा देना है. इस बार की थीम ‘Helping Men and Boys’ है. अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पर आज हम आपको बता रहे हैं कि वह कौन सी कानूनी धाराएं है जिसका सहारा लेकर निर्दोष पुरुष को आसानी से फंसा लिया जाता है.

सीनियर एडवोकेट सुरेंद्र कुमार ने बताया कि भारत पुरुष प्रधान देश है. इसमें घर का मुखिया पुरुष को माना गया है और घर की अन्नपूर्णा स्त्री को माना गया है. कई बार पुरुष और महिलाओं के बीच रिश्तों में तनाव या खटास पैदा हो जाने पर महिलाएं पुरुषों पर जो मुख्य आरोप लगाती है. वो है दहेज उत्पीड़न का, जिसके अंतर्गत धारा 498 पुरुष पर लग जाती है. इस धारा को सामाजिक आतंकवाद की धारा भी कहा गया है. ऐसे मामलों के सामने आते ही पुरुष पर तुरंत संज्ञान लिया जाता है जिसमें पुरुष के पूरे परिवार को प्रताड़ित किया जाता है. महिलाओं से असहमति होने पर सेक्शन 498 पुरुषों के लिए मुसीबत बन जाता है.कानूनी संरक्षण मिलना जरूरीएडवोकेट सुरेंद्र कुमार ने बताया कि ठीक ऐसा ही अपने पार्टनर के साथ फिजिकल रिलेशन बनाने पर भी होता है. अगर वे आपसी सहमति से है तो वह प्यार कहलाया जाता है और असहमति होते ही उसको बलात्कार की श्रेणी में डाल दिया जाता है. इसमें धारा 376 लगाई जाती है और इस कारण से सार्वजनिक स्तर पर पुरुष की छवि भी पूरी तरीके से धूमिल होती है. कई बार इस कारण से निर्दोष पुरुष आत्महत्या भी कर लेते हैं. ऐसे मामलों की गंभीरता से जांच की जानी चाहिए. स्त्री को कानूनी संरक्षण जरूर मिलना चाहिए लेकिन किसी निर्दोष को सजा ना हो ऐसा प्रावधान किया जाना चाहिए.

मेरे पास पुरुष को फसाए जाने के महीने में दो-तीन मामले देखने को मिल जाते हैं. इसलिए मैं एक बात कहता हूं “Every Complain Should Be Register, But Arrest After Investigation”.  पुरुष के खिलाफ आरोपों की सत्यता की जांच होनी चाहिए जिसके कारण से निर्दोष पुरुष ना फ़साये जा सके.

धाराएंसेक्शन : 498 (दहेज उत्पीड़न )सेक्शन : 376 (बलत्कार )सेक्शन : 354 (स्टाकिंग, छेड़छाड़जब हम सीनियर एडवोकेट से बात ही कर रहे थे तब दीपक आए. जो गाज़ियाबाद के लोनी क्षेत्र में रहते है. उन्होंने एक महिला पे आरोप लगाया की उनको नशीला पदार्थ देकर धर्म परिवर्तन करा लिया गया. अब वो इंसाफ की गुहार लगा रहे है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Ghaziabad News, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : November 19, 2022, 20:16 IST



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