Inspiring Story: हमारे देश में ऐसे कई गरीब बच्चे हैं, जो पढ़ाई का सपना देखते हैं. लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वो अपनी चाहत पूरी नहीं कर पाते. इन बच्चों के माता-पिता भी अपने बच्चों को किसी अच्छे स्कूल में पढ़ाने की कोशिश करते हैं, पर उनकी आर्थिक स्थिति बाधा बन जाती है. ऐसे में सोनभद्र जनपद के राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर रवि प्रकाश त्रिपाठी ने जरूरतमंद बच्चों के सपनों को साकार करने का बीड़ा उठाया है.
6 वर्षों से दे रहे हैं निशुल्क शिक्षासोनभद्र जनपद मुख्यालय से करीब 7 किलोमीटर दूर स्थित राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर डॉक्टर रवि प्रकाश त्रिपाठी आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को नई दिशा दिखा रहे हैं.वे पिछले 6 वर्षों से गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं. अब तक लगभग 250 बच्चों को वह अपनी कोचिंग में पढ़ा चुके हैं, जिनमें ज्यादातर बच्चे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों से आते हैं. उनका उद्देश्य है कि कोई भी गरीब बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे.
शाम 4 से 6 बजे तक लगती है निशुल्क क्लासडॉ. त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने 2017 से अपने खाली समय में निशुल्क कोचिंग शुरू की. हर दिन शाम 4 से 6 बजे तक वो इन बच्चों को पढ़ाते हैं. इस काम से दूसरों की मदद हो जाती है और उन्हें खुद भी जरूरतमंद बच्चों की मदद कर अच्छा लगता है.
प्रोफेसर त्रिपाठी बताते हैं कि इस कार्य में उन्हें अपने कॉलेज के छात्रों का भी काफी सहयोग मिलता है. कॉलेज के स्टूडेंट्स भी प्राइमरी से लेकर इंटर तक के बच्चों को पढ़ाने में मदद करते हैं. इस प्रकार से गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलती है और उन्हें शिक्षा के साथ-साथ जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया जाता है.
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कराई जाती है प्रतियोगिता बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए समय-समय पर प्रतियोगिताएं कराई जाती है, जिसमें अव्वल आने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया जाता है. प्रोफेसर त्रिपाठी का मानना है कि बच्चों में अद्भुत प्रतिभा होती है, जिसे निखारने की जरूरत है. इसी उद्देश्य से वो और उनके कॉलेज के छात्र मिलकर गरीब बच्चों को सही दिशा देने का प्रयास करते हैं. डॉक्टर रवि प्रकाश त्रिपाठी के इस प्रयास की जिले भर में सराहना की जा रही है. बच्चों के अभिभावक भी उनके इस कार्य की तारीफ कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अपने बच्चों में सकारात्मक बदलाव देखा है. कई बच्चे जवाहर नवोदय विद्यालय में दाखिला पाने के लिए भी यहां पढ़ाई करने आते हैं.
Tags: Inspiring story, Local18, Sonbhadra NewsFIRST PUBLISHED : October 9, 2024, 16:59 IST