Indian diet changed: भारतीय अब अपने खानपान को लेकर काफी सख्ती बरतने लगे हैं. मोटे अनाज का सेवन करने के साथ-साथ कम कैलोरी और कम फैट वाले फूड की मांग में भी वृद्धि हो रही है. यह बदलाव न केवल सेहत के प्रति बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है, बल्कि यह इंडियन डाइट में एक नए युग की शुरुआत भी करता है.
बुधवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में मोटे अनाज का उपयोग बढ़ने के कारण कम कैलोरी और कम फैट वाले स्नैक्स की मांग में वृद्धि देखने को मिल रही है. विश्व की अग्रणी उपभोक्ता इंटेलिजेंस कंपनी नीलसनआईक्यू (एनआईक्यू) की रिपोर्ट से पता चला है कि कम कैलोरी, कम फैट और पेट की सेहत पर केंद्रित प्रोडक्टों में वृद्धि देखने को मिल रही है. हर पांच में से एक स्नैक्स सेहत से जुड़ा है.
हेल्दी नाश्तालोगों में हेल्दी नाश्ते को लेकर जागरूकता लगातार बढ़ रही है. इसमें दक्षिण कोरिया का सांस्कृतिक प्रभाव भी दिखा. कोरिया से प्रेरित पर्सनल केयर एंड फूड इनोवेशन ने लोकप्रियता हासिल की है, जिसमें यूनिक टेक्सचर और प्लेवर पर जोर दिया गया है. रिपोर्ट में टिकाऊ रूप से सोर्स किए गए एफएमसीजी और एनर्जी एफिशिएंसी कंज्यूमर टेक्नोलॉजी की मांग में वृद्धि का उल्लेख किया गया है, जो स्थानीय जरूरतों के अनुरूप है, शहरीकरण ने जीवन को आसान बनाने वाले नवीन, हाई-क्वालिटी वाले प्रोडक्ट्स की मांग को बढ़ावा दिया है.
नए प्रोडक्ट को प्रायोरिटीएनआईक्यू उपभोक्ता सर्वे से पता चलता है कि 34 प्रतिशत शहरी उपभोक्ता नए प्रोडक्ट की उपलब्धता को प्रायोरिटी देते हैं और 40 प्रतिशत (विशेष रूप से जेन जेड और महिलाएं) सक्रिय रूप से इनोवेशन की तलाश करते हैं तथा वह दावा करते हैं कि वे अन्य लोगों से पहले नए प्रोडक्ट्सों की खरीदारी करते हैं. नीलसनआईक्यू की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ने कहा कि नयापन की चाहत को नकारा नहीं जा सकता. ब्रांडों के लिए यह उपभोक्ताओं की रुचि को आकर्षित करने और मीनिंग फुल और टाइम से इनोवेशनों के माध्यम से लगातार विकास को आगे बढ़ाने का एक रणनीतिक अवसर प्रस्तुत करता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.