indian scientist develop cancer treatment with magnetic nanoparticles | कैंसर के ट्रीटमेंट में इंडियन साइंटिस्ट का कमाल, मैग्नेटिक नैनोपार्टिकल्स से भी मुमकिन किया इलाज

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indian scientist develop cancer treatment with magnetic nanoparticles | कैंसर के ट्रीटमेंट में इंडियन साइंटिस्ट का कमाल, मैग्नेटिक नैनोपार्टिकल्स से भी मुमकिन किया इलाज



Magnetic Nanoparticles Treatment: नैनोपार्टिकल्स का इस्तेमाल करके डेवलप्ड मैग्नेटिक सिस्टम के ट्यूमर सेल्स के टेम्परेचर को बढ़ाकर कैंसर का इलाज करती है. यह सिस्टम कैंसर के इलाज के लिए मैग्नेटिक हाइपरथर्मिया नाम के सिस्टम के जरिए काम करती है. कैंसर को सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक माना जाता है. कई उपलब्ध ट्रीटमेंट मेथड्स में से कैंसर सेल्स के लिए सबसे असरदार ट्रीटमेंट रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट है.
 
नैनोपार्टिकल्स से होगी इलाजसभी कैंसर ट्रीटमेंट मेथड साइड इफेक्ट हो सकते है. साथ ही महंगा होने के अलावा, इसका ट्रीटमेंट कई लोगों के लिए दुर्गम भी होता है. IASST की टीम ने नैनोपार्टिकल्स पर ध्यान केंद्रित किया, जिसने कैंसर सेल्स के इलाज के लिए एक टारगेट हीट जनरेशन प्रोसेस (हाइपरथर्मिया) खोली. यह थेरेपी तुलनात्मक रूप से कम साइड इफेक्ट के साथ आती है और इसे बाहर से मैग्नेटिक म द्वारा कंट्रोल किया जाता है. 
 
सेल्फ हीटिंग एफिशिएंसीनैनोपार्टिकल्स के कई फिजिकल पैरामीटर के सेल्फ हीटिंग एफिशिएंसी पर सीधे प्रभाव के कारण, असरदार हीट प्रोडक्शन एफिशिएंसी के साथ बायोकंपैटिबल कोटेड मैग्नेटिक नैनोपार्टिकल्स को बनाना और कंट्रोल करना चुनौतीपूर्ण है. इस प्रकार, टीम ने ट्रेडिशनल केमिकल कोप्रिसिपिटेशन रूट का इस्तेमाल करके अलग-अलग रेयर अर्थ जीडी डोपेंट मैटेरियल के साथ नैनोक्रिस्टलाइन कोबाल्ट क्रोमाइट मैग्नेटिक नैनोपार्टिकल्स को सिंथेसाइज किया. फ्लूइड के रूप में इन मैग्नेटि नैनोपार्टिकल्स के हेटेरोजेनियस का इस्तेमाल लागू अल्टरनेटिंग मैग्नेटिक फील्ड के तहत गर्मी उत्पन्न करने के लिए किया गया था.
 
मैग्नेटिक नैनोपार्टिकल्सरिसर्चर्स ने कहा, “मैग्नेटिक नैनोपार्टिकल्स की गर्मी प्रोडक्शन मेथड का इस्तेमाल कैंसर सेल्स के इस्तेमाल में किया जा सकता है, जिसमें एक स्पेसिफिक पीरियड के लिए सेल के टेम्परेचर को 46 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ाया जाता है, जिससे खास कैंसर स्थानों पर लागू होने पर घायल सेल्स में नेक्रोसिस होता है,”. ये कन्क्लूजन हाल ही में नैनोस्केल एडवांसेज में पब्लिश हुए हैं, जो कि रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री, यूके की पीयर रिव्यू वाली पत्रिका है.–आईएएनएस
 
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.



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