Indians Takes Paracetamol Like Candy: भारत के लोग पैरासिटामोल को कैंडी की तरह खाते हैं. इसको लेकर हाल ही में एक अमेरिकन डॉक्टर के सोशल मीडिया पोस्ट पर इंटरनेट यूजर्स ने मजेदार रिएक्शंस दिए हैं. हालांकि इस चर्चा के बीच बुखार की इस दवा के धड़ल्ले से इस्तेमाल को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं.
टॉफी की तरह खाते हैं पैरासिटामोलसोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट पलानियप्पन माणिकम (Dr. Palaniappan Manickam) के पोस्ट ने एक ऐसे देश में पैरासिटामोल के यूज के बारे में सवाल उठाए जहां अक्सर बुखार या सिरदर्द का जरा सा भी इशारे मिलते ही इन दवाओं का सेवन किया जाता है.
Indians take Dolo 650 like it’s cadbury gems
— Palaniappan Manickam (@drpal_manickam) April 14, 2025
क्या भारत के लोग सच में पैरासिटामोल ज्यादा खाते हैं?इसका जवाब गुरुग्राम के मेदांता एशियन हॉस्पिटल्स के क्लिनिकल डायरेक्टर-पल्मोनोलॉजी डॉ. शिबा कल्याण बिस्वाल (Dr. Shiba Kalyan Biswal) ने ‘हां’ में दिया है. उन्होंने कहा, “ज्यादातर इंडियन बिना मेडिकल गाइडेंस के बुखार या दर्द से तुरंत राहत पाने के लिए पैरासिटामोल का हद से ज्यादा इस्तेमाल करने के आदी हैं. ये काउंटर पर आसानी से मिल जाते है और इसलिए अक्सर इससे सेल्फ मेडिकेशन किया जाता है. हालांकि, एक्सेस यूज लिवर को नुकसान पहुंचाता है और गंभीर बीमारियों को सप्रेस कर देता है. लॉन्ग टर्म हेल्थ प्रॉब्लम्स से बचने के लिए इसके रिस्क और सेफ यूज के बारे में अवेयरनेस जरूरी है.”
सेफ लिमिट कब क्रॉस होती है?डॉ. बिस्वाल कहते हैं कि एडल्ट्स के लिए सेफ डोज हर दिन मैक्सिमम 4 ग्राम पैरासिटामोल है. हालांकि, डॉक्टर आगे कहते हैं कि इसे महीने में 10-15 दिनों से ज्यादा खाना या नियमित रूप से हाई डोज लेना ओवरयूज है. डॉ. बिस्वाल कहते हैं, “इससे अधिक लेने से लिवर और किडनी डैमेज होने का खतरा बढ़ सकता है. क्रोनिक कंडीशन में, टॉक्सिसिटी को रोकने के लिए डोज को अलग-अलग वक्त पर और डॉक्टर की देखरेख में दिया जाना चाहिए.”
रिस्की है सेल्फ मेडिकेशन डॉ. बिस्वाल कहते हैं कि पैरासिटामोल का ओवरयूज से लिवर डैमेज, किडनी फेलियर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिस्टर्बेंस, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया और हाइपरसेंसिटिविटी रिएक्शंस होते हैं. “रेगुलर यूज किए जाने पर ये खतरनाक अंडरलाइंग इलनेस की मौजूदगी को भी सप्रेस कर सकता है. लंबे समय तक या हाई डोज वाली थेरेपी दवा के मेटाबोलाइजेशन में लिवर के काम को खत्म कर सकती है, जिससे टॉक्सिसिटी होती है. ज्यादातर मामलों में लक्षण देर से विकसित होते हैं, जिससे इसका जल्दी डायग्नोसिस करना मुश्किल हो जाता है. इस तरह, बिना डॉक्टर के पर्चे के सेल्फ मेडिकेशन जोखिम भरा है.”
सिरदर्द है, लेकिन बुखार नहीं, क्या पैरासिटामोल लेना सेफ है?डॉ. बिस्वाल कहते हैं कि हां, बुखार के बिना कभी-कभार सिरदर्द के लिए पैरासिटामोल लेना आम तौर पर सेफ है, खासकर अगर सिरदर्द हल्का से मिड लेवल का हो. “फिर भी, बार-बार होने वाले सिरदर्द के बारे में डॉक्टर को दिखाए बिना इसे फर्स्ट लाइन पेनकिलर्स के तौर पर लगातार नहीं लेना चाहिए. डॉक्टर के पास जाए बिना लंबे वक्त तक इस्तेमाल करने से अंगों पर डिपेंडेंसी और स्ट्रेन हो सकता है. बार-बार होने वाले सिरदर्द के साथ, माइग्रेन या दूसरे अंडरलाइंग कंडीशंस को दूर करने के लिए डॉक्टर से सलाह करना सही है.”
क्या करें और क्या न करें?डॉ. बिस्वाल बताते हैं कि पेट खराब होने की संभावना को कम करने के लिए हमेशा पैरासिटामोल को पानी या भोजन के साथ लेना जरूरी है. “डॉक्टर द्वारा इंडिकेट किए गए रेकोमेंडेड डोज की गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने का ध्यान रखना चाहिए. आपके द्वारा खाई जा रही अन्य दवाओं की भी सावधानी के साथ जांच की जानी चाहिए, क्योंकि कई सर्दी, फ्लू या एनालजेसिक मेडिसिंस में भी पैरासिटामोल होता है, इसलिए अनजाने में ओवरडोज हमेशा एक संभावित खतरा होता है. पैरासिटामोल का यूज सिर्फ तभी करें जब सचमुच में जरूरत हो, और किसी भी दर्द के लिए इनफॉर्मल या रूटिन रेमेडी के तौर पर नहीं.”
डॉक्टर इस बात पर भी जोर देते हैं कि किसी को भी 4 ग्राम की डेली डोज की लिमिट से कभी भी ज्यादा नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे लिवर को जबरदस्त नुकसान हो सकता है. “शराब के साथ पैरासिटामोल का इस्तेमाल न करें, क्योंकि दोनों लिवर पर दबाव डाल सकते हैं और टॉक्सिसिटी का खतरा पैदा कर सकते हैं. डॉक्टर की सलाह के बिना इसे लगातार कई दिनों तक न लें, क्योंकि ये ज्यादा सीवियर अंडरलाइंग कॉम्पलिकेशंस को मास्क कर सकता है. अनक्लियर सिम्पटम्स या मामूली दर्द के लिए इसे तब तक न लें जब तक कि इंसट्रक्शन न दिया जाए.”
(क्रेडिट-इप्सिता भट्टाचार्य)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.