IND vs ENG: भारत के पूर्व क्रिकेटर किरण मोरे ने तीसरी पारी में टीम इंडिया द्वारा दिखाई गई आक्रामकता की कमी पर प्रकाश डाला है, जिसके परिणामस्वरूप 2021 सीजन के पुनर्निर्धारित टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ मेहमान की 7 विकेट से हार हुई. जो रूट और जॉनी बेयरस्टो के शानदार शतकों से इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में रिकॉर्ड जीत दर्ज की.
इंग्लैंड ने कर दिया कमाल
378 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए रूट (142) और बेयरस्टो (114) शानदार फॉर्म में थे, उन्होंने 269 रनों की नाबाद साझेदारी की और दो सत्र शेष रहते लक्ष्य का पीछा कर लिया. पूर्व मुख्य चयनकर्ता मोरे ने कहा कि मैच का नतीजा अलग होता अगर भारत ने पहली पारी में 416 रन बनाने के बाद मिले लाभ को भुनाया होता.
इस वजह से हारी टीम इंडिया
मोरे ने कहा, ‘मुझे लगता है कि उन्होंने (इंग्लैंड) दूसरी पारी में मजबूत वापसी की. तीसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों को प्रतिबंधित करना और चौथी पारी में 378 रन का पीछा करना बहुत सराहनीय था.’ उन्होंने आगे कहा, ‘भारत की टीम ने तीसरी पारी में आक्रामकता नहीं दिखाई. अगर भारत अपनी दूसरी पारी में 300 रन बना लेता तो निर्णय अलग होता.’
टूटा भारतीय टीम का दिल
इस जीत के साथ, इंग्लैंड ने 2007 के बाद से इंग्लैंड की धरती पर भारत को अपनी पहली सीरीज जीत से वंचित करते हुए सीरीज 2-2 से बराबर कर दी. यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में इंग्लैंड का सबसे बड़ा रन चेज था. मोरे ने भारतीय गेंदबाजी इकाई में कताई विकल्पों की कमी पर भी प्रकाश डाला और कहा कि भारतीय गेंदबाज इंग्लैंड की पहली पारी में मंशा दिखाने के बावजूद चौथी पारी में रन प्रवाह को रोकने में नाकाम रहे. उन्होंने कहा कि भारत एक दूसरे स्पिनर से चूक गया, जो रूट और बेयरस्टो द्वारा तेज गेंदबाजों पर आक्रमण करने पर रोक लगा सकता था.