India tour of Australia: न्यूजीलैंड के खिलाफ होमग्राउंड पर शर्मनाक हार के बाद अब भारतीय क्रिकेट टीम के सामने ऑस्ट्रेलिया की चुनौती है. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 5 टेस्ट मैचों में दोनों टीमों का मुकाबला होगा. टीम इंडिया की नजर ऑस्ट्रेलिया में लगातार तीसरी सीरीज जीतने पर नजर है. इससे पहले उसने 2018-19 और 2020-21 में ऐतिहासिक सफलता हासिल की थी. सीरीज के लिए टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया पहुंच चुकी है.
1977 में मिली थी पहली जीत
ऑस्ट्रेलिया में भारत का टेस्ट इतिहास हाल के समय में काफी सुधरा है. पहले वहां टीम इंडिया जीत के लिए तरस जाती थी. आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर भारत को पहली जीत 10 टेस्ट मैचों में हार के बाद मिली थी. इसे हासिल करने में 30 साल लग गए थे. दरसअल, भारतीय टीम पहली बार वहां 1947 में कोई टेस्ट मैच खेली थी और उसे पहली जीत 1977 में मिली थी. हम आपको पहली जीत की कहानी यहां बता रहे हैं.
मेलबर्न में भारत ने रचा था इतिहास
ऑस्ट्रेलिया के अपने तीसरे दौरे पर भारत ने अंततः अपनी पहली टेस्ट जीत दर्ज की थी. यह जीत 1977 में बॉब सिम्पसन की टीम के खिलाफ मेलबर्न में मिली थी. इससे पहले भारत को क्रमशः 1947/48 और 1967/68 में ऑस्ट्रेलिया में 4-0 से करारी हार का सामना करना पड़ा था. यह एक जोरदार जीत भी थी. टीम इंडिया ने 222 रनों के भारी अंतर से ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया था. उस दौरे पर पूर्व स्पिनर बिशन सिंह बेदी टीम के कप्तान थे. भारत सिडनी में पहला और ब्रिस्बेन में दूसरा टेस्ट हार गया था. पहले मुकाबले में 16 रन तो दूसरे में 2 विकेट से शिकस्त मिली थी. ऐसा लग रहा था कि इस बार भी टीम इंडिया को जीत नहीं मिलेगी, लेकिन मेलबर्न में भारतीय शेरों ने इतिहास रच दिया था.
गावस्कर और भागवत बने हीरो
इस यादगार जीत के हीरो सुनील गावस्कर और भागवत चंद्रशेखर थे. चंद्रशेखर ने दोनों पारियों में 6-6 विकेट लिए थे. वहीं, गावस्कर पहली पारी में शून्य पर आउट होने के बाद दूसरी पारी में हिट हो गए थे. उन्होंने दूसरी पारी में 185 गेंदों पर 118 रनों की मैराथन पारी खेली थी. बेदी और चंद्रशेखर ने दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया को केवल 164 रनों पर आउट कर दिया था. इससे भारत को 222 रनों से जीत मिली थी.
ये भी पढ़ें: OPINION: गुस्सा तो गौतम गंभीर की नाक पर रहता है, तारीफ भी करते हैं तो लगता है गरिया रहे हों
मैच में क्या हुआ था?
दरअसल, टॉस जीतकर भारत ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था. टीम इंडिया 256 रनों पर सिमट गई थी. मोहिंदर अमरनाथ ने 72, गुंडप्पा विश्वनाथ ने 59, अशोक मांकड़ ने 44 और दिलीप वेंगसरकर ने 37 रन बनाए थे. इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम बल्लेबाजी के लिए आई तो भागवत, बेदी और करसन घावरी ने उसे 213 रनों पर समेट दिया. भागवत ने 6 विकेट लिए. बेदी और घावरी को 2-2 सफलता मिली. भारत ने 43 रन की बढ़त हासिल करके दूसरी पारी में 343 रन बनाए. इस तरह ऑस्ट्रेलिया को 387 रनों का टारगेट मिला. गावस्कर ने शतक ठोककर अपना लोहा मनवाया. वहीं, विश्वनाथ ने 54 रनों की पारी खेली. ऑस्ट्रेलियाई टीम बड़े लक्ष्य के दबाव में 164 रनों पर समिट गई. भागवत ने फिर से 6 विकेट झटक लिए. बेदी को इस बार 4 सफलता मिली. इस तरह भारत ने एक ऐतिहासिक जीत हासिल की.
ये भी पढ़ें: Champions Trophy: गर्दन पर लटकी तलवार तो पाकिस्तान ने बदली चाल, आईसीसी और भारत को दे रहा धमकी! ये है पूरा मामला
सिडनी में भी कमाल, लेकिन सीरीज नहीं जीते
सिडनी में खेले गए अगले मैच में भारतीयों ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा और मेजबान टीम को एक पारी और दो रन से हराकर पांच मैचों की सीरीज को 2-2 से बराबर कर दिया. सीरीज का पांचवां और आखिरी टेस्ट एडिलेड में हुआ. ऑस्ट्रेलिया ने 47 रन से मैच जीत लिया. उसने सीरीज को 3-2 से अपने नाम कर लिया.