Morne Morkel Statement: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एडिलेड में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का दूसरा टेस्ट जारी है. दो दिन के खेल के बाद टीम इंडिया बैकफुट पर है. भारत के 180 रनों के जवाब में पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 337 रन बनाकर 157 रन की बड़ी बढ़त हासिल की. जवाब में भारत ने दूसरी पारी में 128 रन बनाकर 5 विकेट गंवा दिए हैं. टीम अभी भी 29 रन से पीछे है. दूसरा दिन का खेल खत्म हुआ तो भारत के बॉलिंग कोच का बयान आया कि, ‘हमारी टीम अभी गुलाबी गेंद से खेलना सीख रही है.’ मोर्कल ने ऐसा क्यों कहा. आइए आपको बताते हैं.
रणनीति पर अमल नहीं कर पाए
भारत के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने स्वीकार किया कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे दूसरे टेस्ट के दौरान टीम के गेंदबाजों को अपनी रणनीति पर अमल करने और सही लेंथ पर गेंदबाजी करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। इसका कारण पिंक की क्रिकेट में उनका सीमित अनुभव है. भारत अपनी दूसरी पारी में पांच विकेट पर 128 रन बनाकर संघर्ष कर रहा है और इस डे-नाइट टेस्ट मैच में वह अभी ऑस्ट्रेलिया से 29 रन से पीछे है. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने ट्रैविस हेड (140) और मार्नस लाबुशेन (64) की उपयोगी पारियों से पहली पारी में 157 रन की बड़ी बढ़त हासिल की.
ऑस्ट्रेलिया को दिया क्रेडिट
मोर्कल ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘इस विकेट पर गुलाबी गेंद से अभी तक कुछ ना कुछ होता रहा है. अगर आप लगातार अपनी सही लेंथ पर गेंदबाजी कर रहे हैं तो कुछ गेंद ही खराब जाती हैं. आखिर में अपनी रणनीति तैयार करना और उस पर अमल करना महत्वपूर्ण होता है.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया ने इस टेस्ट मैच में अब तक यही किया है. उन्होंने पहले दिन अच्छी गेंदबाजी की और हमारे लिए रन बनाना मुश्किल कर दिया. जब गेंद थोड़ी नरम हो जाती है तो स्कोर करना आसान हो जाता है.’
‘भारत अभी सीख रहा है’
मोर्कल ने कहा, ‘जहां तक भारत का सवाल है तो मुझे लगता है कि यह टीम अभी भी यह पता लगा रही है कि गुलाबी गेंद क्रिकेट खेलने का सबसे अच्छा तरीका क्या है क्योंकि हमारे पास गुलाबी गेंद खेलने का बहुत अधिक अनुभव नहीं है. इसलिए हमारी टीम अभी गुलाबी गेंद से खेलना सीख रही है.’ भारतीय गेंदबाजों के प्रदर्शन के बारे में मोर्कल ने कहा, ‘अगर मैं पहले टेस्ट मैच की बात करूं तो हमारी लाइन और लेंथ शानदार थी. इस टेस्ट मैच में पहले दिन रात को गेंद मूव कर रही थी लेकिन हम उसका फायदा नहीं उठा पाए.’