In Year 2023 one woman die every 2 minutes due to pregnancy Child delivery UN data Shocks Health Day | साल 2023 में प्रेग्नेंसी और डिलीवरी से हर 2 मिनट में एक महिला की मौत, UN के आंकड़े ने डराया

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In Year 2023 one woman die every 2 minutes due to pregnancy Child delivery UN data Shocks Health Day | साल 2023 में प्रेग्नेंसी और डिलीवरी से हर 2 मिनट में एक महिला की मौत, UN के आंकड़े ने डराया



World Health Day 2025: यूनाइटेड नेशंस और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने वर्ल्ड हेल्थ डे 2025 के मौके पर एक चौंकाने वाला आंकड़ा जारी किया है. इसके मुताबिक साल 2023 में प्रेग्नेंसी और बच्चे के जन्म से जुड़े मामलों में तकरीबन हर 2 मिनट में एक महिला की मौत हुई, या ऐसे समझें कि हर दिन 700 से ज्यादा महिलाओं ने अपनी जान गंवाई. 
वर्ल्ड हेल्थ डे हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है। इस साल की थीम है सेहतमंद शुरुआत, आशापूर्ण भविष्य, जो सरकारों और हेल्थ कम्यूनिटी से गुजारिश करती है कि वो रोकथाम के लायक मातृ एवं नवजात मृत्यु को रोकने के लिए कोशिश तेज करें और महिलाओं की लॉन्ट टर्म हेल्थ और वेल-बीइंग को प्रायोरिटी दें.
ये रिपोर्ट बताती है कि साल 2000 से 2023 के बीच दुनिया भर में मां बनने के दौरान होने वाली मौतों की तादाद में 40 फीसदी की कमी आई है। (मां बनने के दौरान हर 100,000 बच्चों के जन्म पर होने वाली माताओं की मौत के आंकड़े को एमएमआर कहते हैं.
ये दिखाया गया कि 2016 से सुधार की स्पीड बहुत स्लो हो गई है, और अनुमान है कि 2023 में प्रेग्नेंसी या बच्चे के जन्म की जटिलताओं के कारण 2 लाख 60 हज़ार महिलाओं की मौत हो गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में मैटरनल डेथ के 90 फीसदी से ज़्यादा मामले लो और लो-मीडियम इनकम वाले देशों में हुए.

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के डायरेक्टर-जनरल डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस (Dr. Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा, “हालांकि ये रिपोर्ट आशा की किरण दिखाती है, लेकिन आंकड़े ये भी दर्शाते हैं कि आज भी दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में प्रेग्नेंसी कितनी खतरनाक है, जबकि मातृ मृत्यु के अधिकांश मामलों में जटिलताओं को रोकने और उनका उपचार करने के समाधान मौजूद हैं. इसलिए क्वालिटी मैटरल केयर तक पहुंच सुनिश्चित करने के अलावा, महिलाओं और लड़कियों के अंतर्निहित स्वास्थ्य और प्रजनन अधिकारों को मजबूत करना भी अहम होगा. ये ऐसे फैक्टर्स हैं जो प्रेग्नेंसी के दौरान और उसके बाद उनके हेल्थ रिजल्ट्स की संभावनाओं को मजबूत करते हैं.”
इसके अलावा, रिपोर्ट में मैटरनल लाइफ पर कोविड-19 महामारी के असर का पहला ग्लोबल डेस्क्रिप्शन भी पेश किया गया है. अनुमान के मुताबिक, साल 2021 में प्रेग्नेंसी या बच्चे के जन्म के कारण तकरीबन 40,000 ज्यादा महिलाओं की मौत हुई. 2020 में ये संख्या 282,000 थी, जो बढ़कर 2021 में 322,000 हो गई.  रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड इंफेक्शन के कारण होने वाले डायरेक्ट कॉम्पलिकेशं के अलावा, ये मौतें प्रसूति सेवाओं में व्यापक रुकावटों के कारण भी हुईं.
इस रिपोर्ट में कहा गया है, “यह महामारी और अन्य आपात स्थितियों के दौरान ऐसी देखभाल सुनिश्चित करने की अहमियत को उजागर करता है, जिसमें ये ध्यान दिया गया है कि गर्भवती महिलाओं को नियमित सेवाओं और जांचों के साथ-साथ चौबीसों घंटे तत्काल देखभाल तक विश्वसनीय पहुंच की जरूरत होती है.”
(इनपुट-आईएएनएस)



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