अंजली शर्मा/कन्नौज.नगर क्षेत्र गुरसहायगंज में कांग्रेस सरकार में स्थापित बीड़ी श्रमिकों के लिए बनाया अस्पताल बदहाली के कगार पर खड़ा है. आलम यह है कि अस्पताल में ना तो दवाइयां हैं और ना ही डॉक्टर और स्टॉप. चिकित्सालय के ऐसे महत्वपूर्ण कक्ष जिन में मरीजों को सहूलियत देने के लिए उपकरण रखे हैं वह भी सालों से नहीं खुले हैं. ऐसे में दूरदराज क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को मायूसी यहां से लड़ना पड़ता है.
अस्पताल में करीब 3 माह से दवाइयां नहीं है. लगभग 30 माह पूर्व स्थाई प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ मुकेश कुमार का स्थानांतरण हो गया था. उनके जाने के 6 महीने बाद संविदा पर डॉ अजय कुमार की नियुक्ति की गई. अस्पताल में 4 डॉक्टर के पद सृजित हैं अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 150 ओपीडी जाती है यह ओपीडी मात्र एक डॉक्टर के सहारे जैसे तैसे चलती है.
सात साल से नही खुले ये कक्ष
मरीजों को सहूलियत देने वाली एक्स-रे मशीन कक्ष का ताला 7 साल से नहीं खुला है. जिसके चलते अब यह आउटडेटेड भी हो चुकी है. अस्पताल में टेक्नीशियन नहीं है. जिसके चलते मरीज को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा. महिला पुरुष व प्रसव वार्ड बंद पड़े हैं जहां कोई भी मरीज भर्ती नहीं किया जाता.
क्या बोले लोग
दूरदराज क्षेत्रों व स्थानीय मरीजों ने बताया कि अस्पताल में दवाइयां नहीं है. डॉक्टर भी मात्र एक है जिसके चलते हम लोगों को बहुत लंबी-लंबी लाइने लगानी पड़ती है. अस्पताल से जो दवाइयां हम लोग को नि:शुल्क मिल जाती वह भी नहीं मिल पाती. जिसके चलते डॉक्टर बाहर की दवाइयां भी लिखते हैं. जिसके लिए हम लोगों को पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं.
.Tags: Kannauj news, Local18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : July 08, 2023, 18:22 IST
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