इको फ्रेंडली मटेरियल से बनाए गए लक्ष्मी गणेश! अपने घर में ही कर सकेंगे विसर्जित, नहीं होगा प्रदूषण…

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इको फ्रेंडली मटेरियल से बनाए गए लक्ष्मी गणेश! अपने घर में ही कर सकेंगे विसर्जित, नहीं होगा प्रदूषण...



अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ. हर साल दिवाली पर जब आप नए लक्ष्मी गणेश खरीदते हैं साथ ही पुराने लक्ष्मी गणेश जिनको एक साल तक घर में रखते हैं उन्हें किसी पेड़ के नीचे, कहीं मंदिर के बाहर तो कहीं ऐसे ही डिवाइडर पर रखकर चले जाते हैं. जिससे उनका अपमान होता है. ऐसे में लखनऊ की एक मंदिर ने इसका समाधान निकलते हुए गोबर के बने हुए लक्ष्मी गणेश इस बार बेचने शुरू किए हैं, ताकि लोग इन लक्ष्मी गणेश को खरीदें और अगले साल दिवाली पर इन्हें अपने घर के गमले में विसर्जित कर दें.

यही नहीं लोगों को हवन के दौरान प्रदूषण बाधा ना बने इसके लिए भी गोबर की बनी हुई हवन लकड़ियां तैयार की गई है. इसके अलावा गोबर के दीए भी बड़ी संख्या में तैयार किए गए हैं. जिनकी कीमत मिट्टी के दीए और मिट्टी के लक्ष्मी गणेश के साथ ही हवन सामग्री से बेहद कम है. मंदिर के कोषाध्यक्ष रिद्धि किशोर गौड़ ने बताया कि गोपेश्वर गौशाला जो कि मलिहाबाद में है वहां के लोगों की मदद लेकर गोबर के दीए लक्ष्मी गणेश और लकड़ी हवन की तैयार कराई गई है. इको फ्रेंडली गोबर का इस्तेमाल करने के पीछे वजह यह है कि दीया जलाने पर और हवन में लकड़ी का इस्तेमाल करने पर प्रदूषण नहीं होगा और इससे लोगों को भी कोई नुकसान नहीं होगा.

इतनी है कीमतरिद्धि किशोर गौड़ ने बताया कि 20 रुपए में 10 दीए हैं और 150 और 200 रुपए में लोगों को लक्ष्मी गणेश मिल जाएंगे. लक्ष्मी गणेश को खूबसूरती वैसे ही दी गई है जैसे मिट्टी के लक्ष्मी गणेश को दी जाती है. इसके अलावा 60 रुपए का डिब्बा है, जो हवन लकड़ी का है. ऐसे में कम कीमतों पर इनकी खरीदारी करके लोग पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी अपना योगदान निभा सकते हैं और इसके साथ ही लक्ष्मी गणेश को हर साल विसर्जित करने की समस्या का भी समाधान हो जाएगा.

फूलों से बनाई गई धूपबत्तीरिद्धि किशोर गौड़ ने बताया कि लेटे हुए हनुमान मंदिर जो पक्का पुल के पास स्थित है यह प्राचीन मंदिर है यहां पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग फूलों को चढ़ाते हैं. ऐसे में उन फूलों का इस्तेमाल करके धूपबत्ती का निर्माण कराया गया है. इस धूपबत्ती की खासियत यह है कि अगर 100 धूपबत्ती भी जलाकर एक कमरे में कोई भक्त बैठा रहे तो उसे खांसी नहीं आएगी और ना ही सांस से जुड़ी कोई बीमारी होगी. यह पूरी तरह से इको फ्रेंडली है, इसकी कीमत भी सिर्फ 50 है.
.Tags: Local18, Lucknow news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : November 7, 2023, 22:29 IST



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