IIT Success Story: कुछ करने की चाहत हो, तो इंसान रेगिस्तान में भी पानी ढूंढ निकालता है. कुछ ऐसी ही कहानी मुंबई के एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले एक शख्स की है. उन्होंने साधारण जीवन की सीमाओं के बावजूद बड़े सपने देखे. उनके परिवार में किसी ने भी उच्च शिक्षा, विदेश में पढ़ाई या IIT जैसे संस्थान में जाने के बारे में कभी नहीं सोचा था. लेकिन वर्ष 2018 में उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में टॉप करने के साथ ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की हैं. इसके बावजूद उन्होंने सपनों और हकीकत के बीच वित्तीय कठिनाइयां एक बड़ी दीवार बनकर खड़ी थीं. हम जिनकी बात कर रहे हैं, उनका नाम अंसारी उसामा (Ansari Usama) है.
ग्रेजुएट करने के बाद उन्होंने TCR इंजीनियरिंग सर्विसेज, नवी मुंबई में मटेरियल टेस्टिंग लैब में काम शुरू किया. हालांकि यह अनुभव उपयोगी था, उनकी आकांक्षाएं इससे कहीं बड़ी थीं. उन्होंने अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने की इच्छा रखते थे. इस दौर में एक प्रोफेसर ने उन्हें देश के प्रमुख संस्थानों में दाखिले का प्रयास करने के लिए प्रेरित किया.
GATE पास करके IIT में लिया दाखिलाअंसारी उसामा (Ansari Usama) ने सेंट जोसेफ हाई स्कूल, मुंबई से कक्षा 10वीं की पढ़ाई की. लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार इसके बाद उन्होंने वर्ष 2015 में गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज, थाणे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लिया है. इसके बाद उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री हासिल की हैं. बाद में GATE के जरिए अंसारी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास से मास्टर ऑफ साइंस – एमएस (रिसर्च द्वारा), रोबोटिक्स और मेक्ट्रोनिक्स की पढ़ाई की.
सीमित संसाधनों में एक बड़ा सपनाकोचिंग के अभाव में उन्होंने सेल्फ स्टडी, संदर्भ पुस्तकों और ऑनलाइन लेक्चररों पर भरोसा किया. कड़ी मेहनत और लगन ने उन्हें वर्ष 2021 में IIT मद्रास में इंजीनियरिंग डिज़ाइन में एमएस कार्यक्रम में एडमिशन मिला. यह उनके जीवन का एक निर्णायक मोड़ था. IIT मद्रास ने उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान किया. उन्होंने सॉफ्ट रोबोटिक्स पर काम करना शुरू किया, जिसमें बागवानी एप्लीकेशन के लिए एक सॉफ्ट बायोइंस्पायर्ड ग्रिपर विकसित करना शामिल था. प्रोफेसर अशोकन थोंडियाथ के मार्गदर्शन में इस प्रोजेक्ट ने उन्हें पहचान दिलाई और साइबर-फिजिकल सिस्टम में रिसर्च के लिए IIT मद्रास-सैमसंग प्रवर्तक फेलोशिप हासिल करने में मदद की.
उच्च शिक्षा से वंचितों के लिए शुरू की नई पहलIIT मद्रास में उन्होंने खुद को लीडरशिप की भूमिकाओं में परखा. MiTR के छात्र प्रमुख के रूप में उन्होंने छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के समाधान की पहल की. iBOT क्लब और आपदा प्रबंधन समिति के माध्यम से उन्होंने नवप्रवर्तकों और सामुदायिक तैयारियों में योगदान दिया. अपने अनुभवों से प्रेरित होकर उन्होंने CareerlyMate की शुरुआत की. यह एक ऑनलाइन मेंटरशिप प्लेटफ़ॉर्म है, जो ग्रामीण और टियर 2/3/4 कॉलेजों के छात्रों को उच्च शिक्षा और करियर विकल्पों की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है. UPSCALE स्टार्टअप एक्सेलेरेटर प्रोग्राम ने इस पहल को और मजबूत बनाने में मेरी मदद की.
भविष्य की ओर एक नई दृष्टिइस दिसंबर में आईआईटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद उनका लक्ष्य CareerlyMate का विस्तार करना और सॉफ्ट रोबोटिक्स और इंटरडिसिप्लिनरी तकनीक में रिसर्च जारी रखना है. वह सुनिश्चित करना चाहता हूँ कि उनकी यात्रा और अनुभव दूसरों को उनकी चुनौतियों से उबरने और अपने सपनों को साकार करने में मदद करें.
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Tags: Iit, IIT Madras, Success StoryFIRST PUBLISHED : November 17, 2024, 17:52 IST