अखंड प्रताप सिंह/कानपुर. अब देश के वैज्ञानिक अमेरिका के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर रिसर्च करेंगे. दरअसल, आईआईटी कानपुर ने दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटी में शुमार एमआईटी के साथ करार किया है. जिसके तहत दोनों देशों के वैज्ञानिक एक साथ रिसर्च करेंगी. यह रिसर्च मेडिकल साइंस क्लाइमेट एवं सस्टेनेबिलिटी पर होगी.
बता दें कि मेडिकल क्षेत्र में आईआईटी कानपुर में भी कई ऐसे शोध किए हैं जिनका लोहा पूरी दुनिया ने माना है. यही वजह है कि दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटी संघ आईआईटी कानपुर का करार हुआ है. आईआईटी कानपुर देश का पहला संस्थान है जिसने एम आई टी के साथ समझौता किया जा रहा है. इससे दोनों देशों के बीच रिश्ते भी मजबूत होंगे और शोध भी पूरी दुनिया के काम आ सकेंगे.
स्टार्टअप के लिए आर्थिक सहयोग दिया जाएगाआईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करने बताया कि आईआईटी कानपुर के लिए यह बड़ी बात है कि इतने बड़े संस्थान के साथ समझौता हुआ है जिसके तहत मेडिकल साइंस क्लाइमेट और सस्टेनेबिलिटी के अनसुलझे रहस्यों का शोध कर पता लगाया जा सकेगा. इसके लिए फंड भी अमेरिका एम आई टी द्वारा आईआईटी कानपुर सीड फंड के तहत उपलब्ध कराया जाएगा.
देश के वैज्ञानिक कानपुर IIT की मदद से करेंगे रिसर्चप्रोफेसर करंदीकर ने बताया कि इस समझौते से सिर्फ आईआईटी कानपुर ही नहीं बल्कि देशभर के संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक इस शोध काम में शामिल हो सकेंगे और उन्हें देश के टॉप संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ रिसर्च करने का मौका मिल सकेगा. अमेरिका के संस्थान द्वारा इन शोध कार्य के लिए न सिर्फ फंड दिया जाएगा बल्कि वहां की अत्यधिक लैब और उपकरणों का भी इस्तेमाल देश के वैज्ञानिक कर सकेंगे. इसके लिए देशभर से वैज्ञानिकों को भी न्योता दिया गया है. वह 12 दिसंबर तक आईआईटी कानपुर में अपने प्रपोजल भेज सकते हैं जो इस शोध कार्य से जुड़ना चाहते हैं.
.FIRST PUBLISHED : September 20, 2023, 20:03 IST
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