अखंड प्रताप सिंहकानपुर: आईआईटी कानपुर अपने शोध को लेकर देश नहीं बल्कि दुनिया में एक अलग पहचान रखता है. एक बार फिर आईआईटी कानपुर (IIT KANPUR) द्वारा एक कार्गो लूप ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी बनाई गई है. जो कोयले व खनिज पदार्थों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के काम आएगी. इतना ही नहीं इससे समय बचेगा बल्कि यह प्रोसेस बेहद आसान हो जाएगा. जानिए क्या है यह टेक्नोलॉजी और कैसे करती है काम.आईआईटी कानपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर बिशाख भट्टाचार्य ने जानकारी देते हुए कहा कि, अक्सर देखने को मिलता है कि कोयले व अन्य खनिज पदार्थों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना बेहद मुश्किल काम होता है. इसमें सामान के खराब होने और बर्बाद होने की भी आशंका बनी रहती है. इसके साथ ही समय भी बेहद लगता है. जिसको देखते हुए आईआईटी कानपुर ने एक ऐसी कार्गो लूप ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी इजाद की है. जिससे रोबोट प्रणाली के माध्यम से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कोयला व अन्य खनिज पदार्थ एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजे जा सकेंगे.इससे प्रदूषण भी नहीं होगा, समय की बचत होगी साथ ही साथ सामान की बर्बादी बी नहीं होगी. यह प्रणाली में कंप्रेस्ड वायु आधारित पाइपलाइन पर काम करेगी. इस प्रणाली को विकसित करने में प्रोफेसर बिशाख भट्टाचार्य के साथ कन्हैयालाल चौरसिया व यशस्वी सिन्हा ने मिलकर तैयार किया है.गेम चेंजर साबित होती ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजीन्यूज 18 से बात करते हुए प्रोफेसर ने बताया कि इस प्रणली के तहत जैसे जमीन के अंदर पाइपलाइन बिछाई जाती है, ठीक उसी तरीके से यह पाइपलाइन जमीन के अंदर डाली जाएगी. जो खदान से कोयले व अन्य खनिज पदार्थों को निकाल कर एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाएंगे. इसमें ना तो बैटरी का इस्तेमाल होगा ना ही इस को बिजली की जरूरत पड़ेगी. बल्कि यह हवा के दबाव से चलेगी.यह प्रणाली कोयला खनिज पदार्थों के आवागमन के लिए गेम चेंजर साबित होगी. यह अपने आप में अनोखी प्रणाली है. जिसमें कम ऊर्जा की खपत होगी और काम बेहद जल्दी और अधिक होगा.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : February 15, 2023, 17:59 IST
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