कानपुर. देश को जल संकट से बचाने के लिए केंद्र सरकार और आईआईटी कानपुर मिलकर काम कर रहा है. इसके तहत एक ऐसा प्लान तैयार किया गया है, जो देश को जल संकट से बचाएगा. इस प्लान को 330/35 नाम दिया गया है.
जिसमें साल के 365 दिनों में 330 दिन के लिए एक प्लान तैयार किया गया है. साथ ही 35 दिनों के लिए एक अलग प्लान तैयार किया गया है. इस खबर के जरिए हम आपको बताएंगे कि क्या है यह प्लान और कैसे जल संकट से देश को उबारा जाएगा.
तैयार किया गया है खास कार्ययोजना
केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय और आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने यह कार्य योजना तैयार किया है. इसके तहत तेज बहाव वाले पानी को शहर में संरक्षित करने का काम किया जाएगा. जब बारिश का सीजन होता है तो पहाड़ों में ज्यादातर नदियां उफान पर होती है और कहर मचाते हुए भी नजर आती है. जब इसके पीछे की वजह का पता लगाने पर काम किया गया तो यह पता चला कि पेड़-पौधे और चट्टानों को हटा देने की वजह से पानी तेज वेग के साथ बहता है और काफी नुकसान पहुंचता है. अब नदियों के आस-पास पौधारोपण किया जाएगा ताकि पानी का बहाव धीमा किया जा सके.
नदियों के वेग को कम करने के लिए लगाए जाएंगे पौधे
आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर और सी गंगा के फाउंडर विनोद तारे ने बताया कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय दने मिलकर देश को जल संकट से बचने के लिए खास प्लान तैयार किया गया है. जिसमें 330 दिनों के लिए अलग प्लान और 35 दिनों के लिए अलग प्लान तैयार किया गया है. 35 दिन वह है जब बरसात होती है और 330 दिन वह है जब बरसात नहीं होती है या फिर हल्की-फुल्की बरसात होती है और पानी की समस्या बनी रहती है. ऐसे में उन 35 दिनों की बरसात के पानी को संरक्षित किया जाएगा. पानी छोटे-छोटे तालाब, सरोवर और नहरों में संरक्षित करने के लिए प्रत्येक राज्य को इससे से जोड़ा जाएगा. पहाड़ों से निकलने वाली नदियां तेज वेग से बहती है, उनके वेग को कम करने के लिए उनके उद्गम स्थल के आस-पास अधिक से अधिक पौधे लगाए जाएंगे.
Tags: Iit kanpur, Kanpur news, Local18, UP news, Water CrisisFIRST PUBLISHED : August 31, 2024, 13:34 IST