ट्रिपलआईटी के आईटी विभाग के वैज्ञानिको ने बनाया ग्राम पंचायत एपट्रिपलआईटी प्रयागराज द्वारा बनाया गया ग्राम पंचायत एप, गांव के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत और जल्द बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.IIT के आईटी विभाग ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान(ISRO) के सहयोग से बनाया है, स्पीकिंग जीईओ- जीपी असिस्टेंट एप.Prayagraj IIIT scientists : आज हम और हमारा प्रशासन स्मार्ट सिटी की बात करते हैं और लगातार इस दिशा में प्रयासरत हैं. सभी शहरों की तस्वीर बदल रही है या कहें बदल चुकी है. लेकिन एक बात जो सबसे महत्वपूर्ण है वह हमारे गांव और उनका विकास. जी हां… स्मार्ट सिटी ही नहीं हमें स्मार्ट गांव भी बनाने हैं. क्योकि असल भारत तो गांव में ही बसता है और इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है ट्रिपलआईटी प्रयागराज ने. IIT के आईटी विभाग ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान(ISRO) के सहयोग से बनाया है, स्पीकिंग जीईओ- जीपी असिस्टेंट एप.ट्रिपलआईटी,आईटी विभाग के प्रोफेसर विजेंद्र सिंह और उनके विद्यार्थियों ने लगभग 6 महीने में ग्राम पंचायत एप बनाया है. प्रोफेसर विजेंद्र सिंह बताते हैं कि उन्हें यह रिस्पांड प्रोजेक्ट इसरो की तरफ से 2020 में मिला जिसे सफलतापूर्वक बनाकर इसरो को भेज दिया गया है.
क्या है ग्राम पंचायत एपजैसा नाम से ही स्पष्ट है ग्राम (गांव) के विकास के लिए बनाया गया एक एप . हम अक्सर देखते हैं कि गांव के विकास के लिए प्रत्येक वर्ष अनेक योजनाएं लागू होती है.लेकिन लंबे अरसे तक उनका क्रियान्वयन नहीं हो पाता.सरकारी महकमा कहता है कि सर्वे चल रहा है, जमीनों का निरीक्षण हो रहा है . तो आपको बता दें कि यह एप इस समस्या को खत्म कर देगा. जी हां … यह आपको चंद सेकेंड में बता देगा कि किसी गांव में स्कूल,शौचालय आदि बनाने के लिए उचित जमीन कहां उपलब्ध है. इस एप पर आप अपनी लोकल भाषा(local language) में सवाल करेंगे कि फला गांव में हमें स्कूल के लिए जमीन बताओ, फिर आपको यह गांव में उपलब्ध उन सभी जमीनों का मैप विजुलाइजेशन(Map visualization) दिखाएगा जो नियमों और शर्तों के अनुसार उचित है.
अब कम समय में स्मार्ट हो सकते हैं गांवइस एप की अनेकों खासियत है जो गांव को स्मार्ट बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.•यह कुछ सेकंड में आपको आपके सवालों का उचित जवाब देने में समर्थ है अतः योजनाएं जल्दी लागू हो सकती हैं. सरकारी महकमा किसी भी तरीके का बहाना नहीं बना सकता.•हर भाषा में डाटा उपलब्ध होने के कारण हर कोई इसका उपयोग करके लाभ उठा सकता है.•इस एप को वक्त के साथ-साथ अपडेट किया जा सकता है. कहने का तात्पर्य है कि आए दिन सरकारी कायदे-कानून बदलते हैं. यह वक्त के साथ नए नियमों का पालन करके ही आपको परिणाम बताएगा .अतः अगर ट्रिपलआईटी प्रयागराज के द्वारा बनाए गए ग्राम पंचायत एप का उचित तरीके से इस्तेमाल होता है तो यह गांव के विकास और उसको स्मार्ट बनाने की दिशा में भविष्य की एक बड़ी उम्मीद साबित हो सकती है .( रिपोर्ट- प्राची शर्मा)पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.हमें Facebook, Twitter, Instagram और Telegram पर फॉलो करें.
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