Touching your face: क्या आपने कभी सोचा है कि आप रोजाना कितनी बार अपना चेहरा छूते हैं? जर्मनी (Germany) के बोचुम (Bochum) में रुहर यूनिवर्सिटी (Ruhr University) के एक जर्मन साइकोलॉजिट्स की रिसर्च के मुताबिक, ये औसतन प्रति घंटे 50 बार, या दिन में 800 बार तक होता है. जूलियन पैकहीशर (Julian Packheiser) कहते हैं कि इनमें से कुछ टच, जैसे कि अपनी हेयर स्टाइल ठीक करना या थकी हुई आंखों को रगड़ना, एक प्रैक्टिकल मकसद को पूरा करते हैं, लेकिन ज्यादातर बिना किसी खास वजह के किए जाते हैं.
चेहरा छूने का फायदापैकहीशर टच के हेल्थ इफेक्ट पर रिसर्च कर रहे हैं और उन्होंने अपनी फाइंडिंग्स को जर्मन मैगजीन ‘स्पेक्ट्रम साइकोलॉजी’ (Spektrum Psychologie) में पब्लिक किया. वो बताते हैं कि अनकॉन्शियस फेशियसल टचिंग एक अहम काम कर सकता है. “हाल की थ्योरीज के मुताबिक, अचेतन चेहरे का स्पर्श तनाव को कम करने और हमारे इमोशनल बैलेंस को रेगुलेट करने में मदद करता है.”
स्ट्रेस कम होता हैसामान्य तौर पर स्पर्श अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है. ये एंग्जायटी, उदासी और दर्द को कम कर सकता है और यहां तक कि ब्लड प्रेशर भी मेंटेन कर सकता है. ये न सिर्फ दूसरों के साथ संपर्क पर लागू होता है, 2021 में गेटे यूनिवर्सिटी फ्रैंकफर्ट (Goethe University Frankfurt) में किए गए एक रैंडमाइज्ड कंट्रोल स्टडी में, रिसर्चर्स ने पाया कि स्ट्रेसफुल सिचुएशन से पहले दूसरों को छूने और खुद को छूने दोनों का पार्टिसिपेंट्स के स्ट्रेस लेवल पर असर पड़ता है.
फेस टच न करना भी बेहतरजिन्हें दूसरों ने छुआ और जिन्होंने खुद को छुआ, दोनों के ब्लड में स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का लेवल तीसरी अनटच्ड ग्रुप के लोगों की तुलना में बाद में कम था. वैसे अपने चेहरे को न छूना कभी-कभी बेहतर होता है, ये इंफेक्शन के ट्रांसमिशन में योगदान कर सकता है, लेकिन यह इतना आसान नहीं है. रिसर्चर्स लिखते हैं, “इंफेक्शन को कम करने के लिए अपने चेहरे को छूने से एक्टिव तरीके से बचने के लिए मेंटल एफर्ट की जरूरत होती है.” इसलिए हमें इसे कॉन्शियसली करना होगा.
जूलियन पैकहीशर कहत हैं कि खुद को छूने वाले ग्रुप के प्रतिभागियों ने हमेशा चेहरे को नहीं चुना; कुछ ने अपनी बांह को सहलाया या अपने हाथ छाती पर रखे. फिर भी, दूसरे रिसर्च बताते हैं कि चेहरे को छूना खास तौर से टेंशन से भरे या कॉगनिटिवली डिमांडिंग सिचुएशन में अक्सर होता है.
ये मिसाल के तौर पर, पॉल फ्लेचसिग इंस्टीट्यूट्स सेंटर फॉर न्यूरोपैथोलॉजी एंड ब्रेन रिसर्च (Paul Flechsig Institute’s Centre for Neuropathology and Brain Research) के शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा एक सिस्टेमैटिक रिव्यू द्वारा दिखाया गया है, जिसे 2021 में यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ऑफ लीपज़िग (University Hospital of Leipzig) में भी पब्लिश किया गया था.
ज्यादा रिसर्च की जरूरत”हालांकि खुद को छूने पर अभी भी बहुत कम रिसर्च हुआ है, ऐसे सबूत बताते हैं कि अपने चेहरे को छूने से तनाव कम हो सकता है.” साइकोलॉजी टुडे (Psychology Today) मैगजीन में पूर्व एफबीआई बिहेवियर एनालिस्ट जो नवारो (Joe Navarro) बताते हैं कि इस प्रायोरिटी के कारण हमारे शरीर की संरचना में निहित हैं.
हमारे चेहरे खास तौर से सेंसेटिव नर्व इंडिंग से भरपूर होते हैं जो सीधे ब्रेन से जुड़े होते हैं. ये नसें – विशेष रूप से पांचवीं (Trigeminal nerve) और सातवीं कपाल (Facial nerve) नसें – चेहरे पर स्पर्श को शरीर के अन्य भागों की तुलना में मस्तिष्क तक तेजी से और ज्यादा असरदार तरीके से पहुंचने में सक्षम बनाती हैं.
नवारो के मुताबिक, गाल पर एक कोमल स्ट्रोक या होंठों पर एक टच ब्रेन को बिजली की स्पीड से शांत संकेत भेजता है. ये तत्काल प्रभाव अहम है क्योंकि हमें क्विक रिलीफ की जरूरत होती है, खासकर टेंशन भरे पलों में. अपने चेहरे को छूने से मस्तिष्क शांत होता है और आंतरिक संतुलन बहाल करने में मदद मिलती है. ये दूसरों को भी संकेत देता है कि अंदर क्या चल रहा है, चाहे कोई तनाव में हो और उसे सपोर्ट की जरूरत हो
जूलियन पैकहीशर (Julian Packheiser) सलाह देते हैं, “इसलिए अगली बार जब आपका पार्टनर या कलीग बार-बार अपनी नाक छू रहा हो, तो बेझिझक पूछें कि सब ठीक है या नहीं.”
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमें इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.