Agency:News18 Uttar PradeshLast Updated:February 14, 2025, 14:24 ISTChitrakoot Raipura Village: यूपी के चित्रकूट एक समय तक डकैतों का इलाका कहा जाता था, लेकिन समय के साथ यहां शिक्षा की रोशनी ने गांव को एक नई दिशा के रुप में मोड़ दिया है. यहां का रैपुरा गांव अधिकारियों का गांव कह…और पढ़ेंX
फोटोहाइलाइट्सचित्रकूट का रैपुरा गांव अब अफसरों का गांव कहलाता है.रैपुरा गांव में डेढ़ दर्जन से अधिक IAS, IPS और PCS अधिकारी हैं.शिक्षा ने रैपुरा गांव के युवाओं का भविष्य बदला.चित्रकूट: यूपी का चित्रकूट जिला जो कभी बीहड़ों में फैले डकैतों के आतंक के लिए बदनाम था. वह अब अपनी नई पहचान बना रहा है. खासतौर पर इस जिले का रैपुरा गांव जो पहले सबसे पिछड़ा क्षेत्र था, लेकिन अब IAS और IPS अफसरों की नई पौध तैयार करने के लिए जाना जाता है. इस छोटे से गांव के लगभग हर घर में कोई न कोई सरकारी अधिकारी है.
कभी यहां था डकैतों का आतंक
चित्रकूट का पाठा क्षेत्र कभी डकैतों का गढ़ माना जाता था. यहां एक डकैत के खात्मे के बाद दूसरा पैदा हो जाता था. सालों तक इस इलाके के लोग डकैतों के डर में जीते रहे, लेकिन समय बदला और शिक्षा की रोशनी ने इस गांव को एक नई दिशा में मोड़ दिया. अब यह गांव अफसरों का गांव कहलाने लगा है.
हर घर में एक अधिकारी
रैपुरा गांव के रिटायर्ड इंटर कॉलेज प्रधानाचार्य महेंद्र प्रसाद सिंह ने लोकल 18 को बताया कि गांव में करीब डेढ़ दर्जन से अधिक IAS, IPS और PCS अधिकारी हैं. यही नहीं हर घर में कोई न कोई सरकारी नौकरी में है. गांव के बच्चों ने स्कूली पढ़ाई यहीं से की और फिर उच्च शिक्षा के लिए बाहर गए. उन्होंने मेहनत और लगन से खुद को इस काबिल बनाया कि आज उनका नाम देशभर में रोशन हो रहा है.
ऐसे बदला गांव का भविष्य
महेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि जब वे स्कूल में प्रिंसिपल थे. तब उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रेरणादायक कहानियां सुनाई. धीरे-धीरे गांव में सरकारी नौकरी पाने की होड़ लग गई. उन्होंने बताया कि पहले गांव के युवा अपराध और संघर्ष में उलझे रहते थे, लेकिन शिक्षा ने उनके जीवन की दिशा बदल दी है.
ये हैं गांव का गौरव
रैपुरा गांव के कई युवा सिविल सेवा में ऊंचे पदों पर कार्यरत हैं. IAS अधिकारी अभिजीत सिंह, रोहित सिंह, कुलदीप कुमार, सीपी सिंह, IPS अधिकारी यदुवेंद्र शुक्ल, पीसीएस अधिकारी तेज स्वरूप, सुरेंद्र, राजेंद्र, प्रकाश कुमार, सुरेश चंद्र पांडेय, प्रह्लाद सिंह, सुरेश गर्ग इसके अलावा कई अन्य युवा भी प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत हैं. अभी भी कई छात्र इस सफलता की राह पर आगे बढ़ रहे हैं.
प्रधान ने कही ये बात
वहीं, रैपुरा गांव के प्रधान जगदीश पटेल ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि हमारे गांव में अधिकतर घरों के लोग IAS, IPS और PCS अधिकारी हैं. यह हमारे गांव का सौभाग्य है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही यहां अधिकतर घरों के लोग सरकारी नौकरी में भी हैं. उनके द्वारा लगातार युवाओं के लिए प्रयास किया जा रहा है कि हमारे गांव की युवा आगे भी इसी प्रकार से IAS, IPS और PCS बनते रहें.
रैपुरा गांव अब सिर्फ चित्रकूट ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए प्रेरणा बन चुका है. जो गांव कभी डकैतों की पहचान से जाना जाता था. आज वह शिक्षा और सफलता की मिसाल पेश कर रहा है. यहां के युवा मेहनत और लगन से यह साबित कर चुके हैं कि कोई भी गांव अगर ठान ले, तो अपने अतीत को बदलकर एक नया इतिहास लिख सकता है.
Location :Chitrakoot,Uttar PradeshFirst Published :February 14, 2025, 14:00 ISThomeuttar-pradeshIAS-IPS का हब बना यूपी का यह गांव, हर युवा बनना चाहता है डीएम-एसपी