Hysterectomy: why rural and illiterate women undergoing hysterectomies know dark side of healthcare practices | Hysterectomy: ग्रामीण महिलाओं की सेहत से बड़ा खिलवाड़! जबरन किया जा रहा बच्चेदानी का ऑपरेशन, क्यों हो रहा ऐसा?

admin

Hysterectomy: why rural and illiterate women undergoing hysterectomies know dark side of healthcare practices | Hysterectomy: ग्रामीण महिलाओं की सेहत से बड़ा खिलवाड़! जबरन किया जा रहा बच्चेदानी का ऑपरेशन, क्यों हो रहा ऐसा?



Hysterectomy: ग्रामीण भारत की महिलाओं को उनकी अशिक्षा, सामाजिक दबाव और स्वास्थ्य बीमा की सुविधा का लाभ देने के बजाय, यह उनके लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है. हाल ही में ‘जर्नल ऑफ मेडिकल एविडेंस’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों की अशिक्षित और मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में ‘हिस्टेरेक्टमी’ (बच्चेदानी हटाने की सर्जरी) की संभावना शहरी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं की तुलना में कहीं अधिक है.
टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, अध्ययन में पाया गया कि 25-49 आयु वर्ग की भारतीय महिलाओं में हिस्टेरेक्टमी का प्रचलन 4.8% (2015-16) से बढ़कर 4.9% (2019-21) हो गया. खासकर, कृषि क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएं अन्य पेशेवर समूहों की तुलना में 32% अधिक इस सर्जरी का शिकार हो रही हैं. उदाहरण के तौर पर, महाराष्ट्र में 25-49 उम्र की नौकरीपेशा महिलाओं में हिस्टेरेक्टमी का प्रतिशत 2.2% था, जबकि खेती बाड़ी करने वाली महिलाओं में यह आंकड़ा दोगुना (4.4%) था.
निजी स्वास्थ्य सुविधाओं की भूमिकाअध्ययन के अनुसार, 70% से अधिक हिस्टेरेक्टमी सर्जरी निजी स्वास्थ्य केंद्रों में की जाती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि कई निजी डॉक्टर बिना जरूरत के भी महिलाओं को इस सर्जरी के लिए प्रेरित करते हैं, खासकर तब, जब उपचार और दवाइयों से भी इलाज संभव हो सकता है. रिपोर्ट में कहा गया कि लाभ कमाने के उद्देश्य से प्राइवेट डॉक्टर हिस्टेरेक्टमी पर जोर देते हैं, भले ही समस्या मामूली हो.
अंधविश्वास और सांस्कृतिक कारणरिपोर्ट में यह भी बताया गया कि मासिक धर्म से जुड़ी सामाजिक वर्जनाएं और प्रजनन स्वास्थ्य की सीमित जानकारी हिस्टेरेक्टमी के बढ़ते मामलों का बड़ा कारण हैं. कुछ महिलाएं मासिक धर्म से जुड़ी परेशानियों से बचने या प्रजनन स्वास्थ्य कैंसर के डर से गर्भाशय हटाने का निर्णय लेती हैं.
स्वास्थ्य बीमा की भूमिकाअध्ययन ने यह भी उजागर किया कि स्वास्थ्य बीमा कवरेज वाली महिलाओं में हिस्टेरेक्टमी का प्रचलन अधिक है. इसका कारण यह है कि बीमा सुविधा की आड़ में निजी अस्पताल इन महिलाओं को आसानी से सर्जरी के लिए राजी कर लेते हैं.
क्या कहते हैं आंकड़ेआंध्र प्रदेश (12.6%), तेलंगाना (11.1%), बिहार (8.6%) और गुजरात (6.2%) जैसे राज्यों में हिस्टेरेक्टमी का प्रचलन सबसे अधिक पाया गया. प्रमुख कारणों में ज्यादा ब्लीडिंग (55.4%), फाइब्रॉइड/सिस्ट (19.6%) और गर्भाशय संबंधी बीमारियां (13.9%) शामिल हैं.



Source link