हवाला और टेरर फंडिंग में क्रिप्टो के लेन-देन का पता लगाता है यह इंडियन सॉफ्टवेयर, हुए कई बड़े खुलासे

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हवाला और टेरर फंडिंग में क्रिप्टो के लेन-देन का पता लगाता है यह इंडियन सॉफ्टवेयर, हुए कई बड़े खुलासे

कानपुर: क्रिप्टो करेंसी का देश और दुनिया में बड़ी संख्या में इस्तेमाल हो रहा है. करोड़ों रुपए के बड़े से बड़े ट्रांजैक्शन चंद सेकंड में क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से हो जाते हैं. यह एक ऐसी डिजिटल मनी होती है जिसमें किसी भी प्रकार की केवाईसी की भी जरूरत नहीं होती है. दुनिया भर में आज क्रिप्टो करेंसी इस्तेमाल की जा रही है. क्रिप्टो करेंसी के आने से देश और दुनिया में हवाला और टेरर फंडिंग में भी इसका बड़ी संख्या में इस्तेमाल हो रहा है. देश और दुनिया में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें हवाला और टेरर फंडिंग जैसी एक्टिविटीज में क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल किया गया है. ऐसे मामलों में पुलिस के सामने आरोपी को पकड़ना सबसे बड़ी चुनौती होती है.अब इन सब चुनौतियों और क्रिप्टोकरंसी से जुड़े हुए मामलों का पता लगाना आसान होगा क्योंकि आईआईटी कानपुर ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है जो क्रिप्टोकरंसी से जुड़े अपराधों को कैच करने और उनका समाधान निकालने का काम करेगा. इस सॉफ्टवेयर को ब्लॉक स्टेश नाम दिया गया है.आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र ने किया है तैयारइस सॉफ्टवेयर को आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र दीपेश चौधरी ने तैयार किया है. वह ब्लॉक स्टेश कंपनी के फाउंडर भी हैं. उन्होंने बताया कि यह सॉफ्टवेयर देश और दुनिया में क्रिप्टोकरंसी से जुड़े मामलों के लिए हर संभव मदद करेगा क्योंकि क्रिप्टोकरंसी से जुड़ा हर एक ट्रांजैक्शन हम लोग इस सॉफ्टवेयर की मदद से ट्रेस कर पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि देश और दुनिया में हवाला और टेरर फंडिंग में एक क्रिप्टो वॉलेट से दूसरे क्रिप्टो वॉलेट में पैसा भेजा जाता है जिसके बारे में पता लगाना बेहद कठिन होता है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा तैयार किया गया यह सॉफ्टवेयर जिन खातों में पैसा जाता है जिन जगहों से यह होकर गुजरता है उन सभी का पता लगा लेता है जो पुलिस को आरोपी तक पहुंचने में मदद करती हैं.दुनिया भर के इंटेलिजेंस कर रहे इस्तेमालदीपेश चौधरी ने बताया कि देश के साथ विदेश के भी इंटेलिजेंस और कई राज्यों की पुलिस इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रही है. इस सॉफ्टवेयर की मदद से दुनिया भर के अब तक लगभग 10 से अधिक हाई प्रोफाइल मामलों का खुलासा भी हो चुका है. इसके साथ ही अभी भी देश के कई हाई प्रोफाइल मामलों में इस सॉफ्टवेयर की मदद से काम चालू है. कई बड़ी देश की एजेंसी और इंटेलिजेंस इसका इस्तेमाल कर रही हैं.उन्होंने बताया कि देश के कई हाई प्रोफाइल मामले भी इस सॉफ्टवेयर की मदद से उन लोगों के द्वारा इंटेलिजेंस की टीम के साथ मिलकर खोले गए हैं. कुछ दिन पहले वजीर एए के माध्यम से 2,000 करोड रुपए की राशि भी भारत से किसी दूसरे देश में भेजी गई थी. उसका खुलासा भी इस सॉफ्टवेयर की मदद से हुआ था और इसकी अहम भूमिका इस पूरे केस को सॉल्व करने में रही थी.FIRST PUBLISHED : August 19, 2024, 20:23 IST

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