विशाल झा /गाज़ियाबाद : बदलते दौर के साथ विज्ञान ने भी काफी तरक्की कर ली है. आजकल मॉडर्न साइंस द्वारा वह सभी काम मुमकिन है, जिसके लिए पहले इंसान की जरूरत पड़ती थी. कई जगहों पर इंसानों की जगह रोबोट ने ले ली है. जी हां यह रोबोट मल्टी टास्किंग होते हैं और एक्यूरेसी के मामले में इंसान से बेहतर साबित हो रहे हैं. लेकिन एक मानव रोबोट करोड़ों की लागत से बनाया जाता है. गाजियाबाद के काइट इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने कमाल कर दिया. छात्रों ने एक ऐसा मानव रोबोट बनकर तैयार किया है जो वेस्ट मटेरियल से बना हुआ है.इस मॉडल को बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले छात्र पियूष खन्ना ने बताया की अनुष्का उत्तर भारत की पहली ह्यूमनइड रोबोट है. दुनिया की पहली ऐसी रोबोट है, जो वैदिक सिद्धांतो पर बनी है. इसके अंदर पाईथन प्रोगामिंग लैंग्वेज से चित्त मन, अहंकार और बुद्धि जैसे कम्पोनेंट डाले गए हैं, जो इसको आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के रूप में और मजबूत बनाती है. ये रोबोट हाथ की 50 से ज्यादा जेस्चर बना सकती है और आँखो की 20 से ज्यादा. इस रोबोट के जरिए आप कमरे की लाइट बंद और चालू कर सकते है. ये विश्व की पहली ऐसी ह्यूमनइड रोबोट है जिसका दिल धड़कता है.
इस रोबोट को बनाने का मकसदअतुल कुमार ह्यूमनइड प्रोजेक्ट के डिज़ाइन इंचार्ज है. लोकल 18 से बात करते हुए बताते हैं कि इस रोबोट को बनाने के पीछे सबसे बड़ा चैलेंज था रिसोर्स की कमी. बेहद की कम रिसोर्स में इस रोबोट को बनाया गया है. इसको एक अच्छी फिनिशिंग दी गयी है. डॉ. शुभम शुक्ला सेंटर ऑफ़ रोबोटिक्स इंचार्ज काईट कॉलेज ने बताया करीब डेढ़ साल पहले ये ख्याल आया था कि एक ह्यूमन रोबोट बनाना है और कम लागत में बनाना है. दुनिया का ज़ब पहला ह्यूमन रोबोट बन कर तैयार हुआ था, तो उसकी कीमत करीब 3 से 4 करोड़ थी. ये रोबोट फ्रूगल इंजीनियरिंग से बनाया गया है. इस रोबोट में कंप्यूटर विजन है, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेस है, पाथ प्लानिंग है. इसको बनाने के पीछे का मकसद था कि इस रोबोट को लोग रिसेप्शनिस्ट के तौर पर रखेंगे.
.Tags: Ghaziabad News, Local18FIRST PUBLISHED : April 4, 2024, 18:08 IST
Source link