Human expressions of pain are similar around the world Study reveals | दुनिया के हर एक कोने में दर्द की एक ही जबान: स्टडी

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Human expressions of pain are similar around the world Study reveals | दुनिया के हर एक कोने में दर्द की एक ही जबान: स्टडी



हम सभी जानते हैं कि जब अचानक कोई चोट लगती है या दर्द होता है, तो हमारे मुंह से कोई शब्द या ध्वनि निकलती है, जैसे ‘आउच!’ या ‘आइ!’, जो स्वाभाविक रूप से हमारे दर्द को व्यक्त करती है. लेकिन क्या यह ध्वनियां और शब्द दुनिया भर में समान होते हैं? 
एक नया अध्ययन इस प्रश्न की जांच करता है कि क्या दर्द व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल होने वाले शब्दों और ध्वनियों में विभिन्न भाषाओं के बीच समानताएं होती हैं. इसमें 130 से अधिक भाषाओं के दर्द, गुस्से और खुशी के विस्मयादिबोधक शब्दों का विश्लेषण किया गया. 
दर्द, गुस्से और खुशी के विस्मयादिबोधक शब्दों की समानताएं
हालांकि, विभिन्न भाषाओं में दर्द, गुस्से और खुशी के लिए अलग-अलग शब्द हो सकते हैं, लेकिन इन भावनाओं को व्यक्त करने के तरीके में एक दिलचस्प समानता है. शोधकर्ताओं ने 131 भाषाओं में 500 से अधिक विस्मयादिबोधक शब्दों का अध्ययन किया. इन शब्दों में से ज्यादातर में समान ध्वनियां पाई गईं, खासकर दर्द के शब्दों में. उदाहरण के तौर पर, ‘आउच’, ‘आइ’, ‘ए’, ‘ऐ’ और ‘एयू’ जैसे स्वर अक्सर दर्द को व्यक्त करने वाले शब्दों में पाए गए. इस तरह की ध्वनियों का प्रयोग विश्व भर में लगभग हर क्षेत्र में देखा गया.
गैर-भाषाई स्वरों का रोल
अध्ययन ने यह भी दिखाया कि दर्द को व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले विस्मयादिबोधक शब्दों के स्वर, गैर-भाषाई स्वरों (जैसे कराहना, चीखना) के समान होते हैं. उदाहरण के लिए, जब कोई व्यक्ति अचानक चोट खाता है, तो वह ‘आह’ या ‘उफ्फ’ जैसी ध्वनियां निकालता है, जो सीधे तौर पर शरीर की प्रतिक्रिया होती हैं. ये ध्वनियां अपने आप में अर्थपूर्ण होती हैं और दर्द के अनुभव को दर्शाती हैं.
गुस्से और खुशी के विस्मयादिबोधक में भिन्नताएं
हालांकि, गुस्से और खुशी के विस्मयादिबोधक शब्दों में ऐसी समानता नहीं पाई गई. इन शब्दों में अक्सर विभिन्न प्रकार के स्वर होते हैं, जो संस्कृति, भाषा और सामाजिक संदर्भ पर निर्भर करते हैं. उदाहरण के लिए, खुशी व्यक्त करने के लिए ‘वाह’ या ‘याहू’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है, जो व्यक्तित्व और सामाजिक संदर्भ के हिसाब से बदल सकते हैं.
विज्ञान और भाषा का एक अद्भुत संबंध
इस अध्ययन के परिणाम यह दर्शाते हैं कि भावनाओं को व्यक्त करने वाले शब्दों और ध्वनियों में मानव शरीर की प्रतिक्रिया का गहरा संबंध है. यह शोध यह भी बताता है कि भाषा में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो स्वाभाविक रूप से मनुष्य के शारीरिक और मानसिक अनुभवों से जुड़े होते हैं. 
-एजेंसी-



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