Human are swallowing 260 grams of microplastic every year which can lead to infertility or cancer | सालभर में 260 ग्राम माइक्रोप्लास्टिक निगल रहा इंसान, बांझपन से लेकर कैंसर तक का बढ़ रहा खतरा!

admin

Human are swallowing 260 grams of microplastic every year which can lead to infertility or cancer | सालभर में 260 ग्राम माइक्रोप्लास्टिक निगल रहा इंसान, बांझपन से लेकर कैंसर तक का बढ़ रहा खतरा!



आज के समय में प्लास्टिक हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है, लेकिन इसके खतरनाक परिणाम सामने आ रहे हैं. एक ताजा अध्ययन के अनुसार, एक इंसान सालभर में कम से कम 5.2 ग्राम और अधिकतम 260 ग्राम माइक्रोप्लास्टिक निगल रहा है. यानी, आप अपनी अनजाने में एक क्रेडिट कार्ड जितना प्लास्टिक हर हफ्ते निगल रहे हैं. यह अध्ययन ऑस्ट्रेलिया के न्यूकैसल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर धावा पलानीसामी ने किया है, जो एम्स में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रस्तुत किया गया.
माइक्रोप्लास्टिक बेहद छोटे आकार के प्लास्टिक कण होते हैं, जो हमारे खानपान और सांस लेने के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं. नल के पानी, बोतलबंद पानी, शहद, नमक और यहां तक कि बीयर में भी ये खतरनाक कण पाए जाते हैं. समुद्री भोजन (सीफूड) में यह समस्या और भी गंभीर है. महासागरों में मौजूद प्लास्टिक कचरा समुद्री जीवों के जरिए इंसानों तक पहुंचता है. इसके अलावा, हवा में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक सांस के साथ भी शरीर में प्रवेश कर जाते हैं.
बीमारियों का खतरा बढ़ा रहा माइक्रोप्लास्टिकएम्स की प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा के अनुसार, माइक्रोप्लास्टिक हमारी प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है. इससे डायबिटीज, थायरॉइड, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. यहां तक कि यह बांझपन का भी कारण बन सकता है.
सबसे अधिक प्लास्टिक कण पानी मेंप्रोफेसर धावा के अध्ययन के अनुसार, सबसे ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक नल के पानी और बोतलबंद पानी में पाए गए हैं. खासतौर पर बोतलबंद पानी में प्लास्टिक की मात्रा अधिक होती है. इसके अलावा, नमक, शहद और चीनी जैसी चीजों भी प्लास्टिक से दूषित हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
क्या करें बचाव के लिए?माइक्रोप्लास्टिक के खतरों से बचने के लिए प्लास्टिक उत्पादों का कम इस्तेमाल करें. पानी को फिल्टर करके पीएं और प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त भोजन का सेवन करें. माइक्रोप्लास्टिक से बचाव जरूरी है, वरना यह हमारी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है.



Source link