हरभजन ने पाक की लगाई क्लास, तो बॉर्डर पार से आया बयान, कहा- ये प्लेयर्स के लिए अच्छा मौका…| Hindi News

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हरभजन ने पाक की लगाई क्लास, तो बॉर्डर पार से आया बयान, कहा- ये प्लेयर्स के लिए अच्छा मौका...| Hindi News



Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है. भारत को बुलाने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ही नहीं बल्कि प्लेयर्स भी बेताब हैं. वहीं, दूसरी तरफ भारत से कोई भाव देता नजर नहीं आ रहा है. बीसीसीआई इग्नोर किया तो हरभजन ने ऑन कैमरा क्लास लगा दी. बीसीसीआई ने यह फैसला सरकार पर छोड़ दिया है. लेकिन जो फैसला बीसीसीआई ने किया पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह उसके सपोर्ट में नजर आए. भज्जी के बयान के बाद अब बॉर्डर पार से पूर्व क्रिकेटर शोएब मलिक ने दूसरी तरफ से चुप्पी तोड़ी है. बयान देखने के बाद शोएब मलिक पर अपने ‘मुँह मियाँ मिट्ठू बनने’ वाली कहावत सही साबित होती नजर आई.
हरभजन सिंह क्या बोले थे?
हरभजन ने भारत के पाकिस्तान जाने को लेकर कहा था, ‘भारत क्यों पाकिस्तान जाए. भारतीय टीम वहां क्यों जाए कोई भी मुझे ये उत्तर दे. क्योंकि वहां सेफ्टी की दिक्कतें हैं. अगर आप देखेंगे, उनके खुद के हालात ऐसे हैं कि हर दिन वहां कुछ न कुछ वारदात होती रहती है. वहां पर जाना मुझे नहीं लगता सुरक्षित है, बीसीसीआई ने बिल्कुल सही फैसला किया है. बीसीसीआई ने जो स्टैंड लिया है मैं उसके सपोर्ट में हूं. प्लेयर्स की सेफ्टी से बढ़कर कुछ भी नहीं है.’
शोएब मलिक ने खोजा नया बहाना
पाकिस्तान से पूर्व क्रिकेटर शोएब मलिक ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने क्रिकेट पाकिस्तान से कहा, ‘दोनों देशों के बीच जो भी खटास है, वो एक अलग मुद्दा है. उसे अलग से हल करना चाहिए. खेलों में पॉलिटिक्स नहीं आनी चाहिए. पिछले साल पाकिस्तान टीम भारत गई थी और टीम इंडिया के लिए भी यह अच्छा मौका है. मुझे लगता है टीम इंडिया में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो पाकिस्तान में कभी नहीं खेले हैं. ऐसे में उनके लिए यह काफी अच्छा मौका होगा. हम बहुत अच्छे लोग है और मेहमाननवाज भी हैं. ऐसे में मुझे लगता है भारतीय टीम को पाकिस्तान आना चाहिए.’
पाकिस्तान ने आईसीसी से पूरी की फॉर्मेलिटी
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए फॉर्मेलिटीज पूरी कर दी हैं. पीटीआई की रिपोर्ट्स के मुताबिक बोर्ड ने आईसीसी को दस्तावेज सौंप दिए हैं. इसके साथ ही बीसीसीआई को मनाने का जिम्मा भी दे दिया है. पिछले साल एशिया कप में भी इस मुद्दे पर जमकर बहस देखने को मिली थी. अंत में टूर्नामेंट हाईब्रिड मॉडल पर कराने का फैसला किया गया था. इस बार भी हाल कुछ वैसा ही होता नजर आ रहा है. 



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