तनाव और डर की वजह से हार्ट बीट तेज होने लगती है जिस वजह से सांस लेने में परेशानी आती है वहीं चक्कर और बेचैनी जैसा महसूस होता है, इस कंडिशन को पैनिट अटैक कहते हैं. पैनिट अटैक डर और चिंता की भावना है. पैनिट अटैक के दौरान अगर खुद पर कंट्रोल नहीं तो सांस लेने में कठिनाई हो सकती है. पैनिक अटैक डर और चिंता की तीव्र भावना होती है. पैनिक अटैक तब आता है जब लोग लाइफ में किसी घटना को लेकर काफी परेशान रहते हैं. किसी चीज को लेकर काफी स्ट्रेस में रहते हैं. पैनिक अटैक अचानक हो सकता है. पैनिक अटैक के दौरान कुछ उपाय को करने से इससे आराम पाया जा सकता है.
पैनिक अटैक का कारण पैनिक अटैक का स्पष्ट कारण तो किसी को पता नहीं होता है लेकिन पैनिक अटैक चिंता, मुश्किल और स्ट्रेस में रहने की वजह से हो सकता है. जैसे किसी खास को मौत की वजह से , रिशलेशनशिप और दोस्तों को लेकर स्ट्रेस, किसी मुश्किल एक्सपीरिएंस की वजह से, निगलेट होने की वजह आदि.
पैनिक अटैक से कैसे पाए राहत पैनिक अटैक को खत्म करने के लिए थेरेपी और दवाई का यूज होता है. बिना किसी झिझक आपको डॉक्टर के पास जानकर पैनिक अटैक का इलाज करना चाहिए. इलाज के अलावा वर्कआउट करने से भी पैनिट अटैक को कम किया जा सकता है.
सांस लेने में दिक्कत पैनिक अटैक के दौरान सांस लेने में समस्या आती है. ऐसे में आपको गहरी लेनी चाहिए. गहरी सांस लेने से शरीर में ऑक्सीजन बढ़ता है जिससे हार्ट रेट धीमा होता है. लंबी और गहरी सांस लेने से पैनिक अटैक को कंट्रोल किया जा सकता है.
फोकस पैनिक अटैक के दौरान आसपास की चीजों पर फोकस करना चाहिए. इससे दिमाग डिस्ट्रैक्ट होगा और पैनिक अटैक से राहत मिलेगी.
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